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हरिद्वार, 2 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए), विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) ने विद्युत क्षेत्र में अनुसंधान, योजना, नवाचार और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य आईआईटी रुड़की की शैक्षणिक और शोध क्षमताओं को सीईए की तकनीकी और विनियामक विशेषज्ञता के साथ समन्वित करना है, ताकि विद्युत क्षेत्र में प्रमुख चुनौतियों का समाधान किया जा सके। दोनों संस्थान विद्युत प्रणाली नियोजन, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, ग्रिड विश्वसनीयता तथा ऊर्जा भंडारण पर केंद्रित संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं में सहयोग करेंगे। विद्युत प्रणाली विश्लेषण और दीर्घकालिक नियोजन के लिए तकनीकी उपकरण और सॉफ्टवेयर विकसित करेंगे; सीईए एवं अन्य विद्युत क्षेत्र की संस्थाओं के व्यावसायिकों के लिए अनुकूलित क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
एमओयू पर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद व आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन भारत की ऊर्जा अवसंरचना को मजबूत करने तथा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप स्वच्छ, अधिक विश्वसनीय और आत्मनिर्भर विद्युत प्रणाली सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला