कुटीर उद्योगों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए सरकार प्रयासरत : राकेश सचान
उत्तर प्रदेश सरकार की पारंपरिक उद्योगों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में बड़ी पहल लखनऊ, 2 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान की उपस्थिति में मंगलवार को खादी
विभागीय बैठक करते मंत्री राकेश सचान


उत्तर प्रदेश सरकार की पारंपरिक उद्योगों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में बड़ी पहल

लखनऊ, 2 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान की उपस्थिति में मंगलवार को खादी भवन, लखनऊ स्थित सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर भारत सरकार द्वारा पैरागुए लिए नामित राजदूत डॉ. पीयूष सिंह (संयुक्त सचिव, विदेश मंत्रालय) को उत्तर प्रदेश सरकार की एमएसएमई, खादी, रेशम और हथकरघा क्षेत्रों से जुड़ी प्रमुख योजनाओं, नीतियों और नवाचारों पर आधारित एक प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण दिया गया।

बैठक में विभागीय अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान, एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी), विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, मुख्यमंत्री हस्तशिल्पी समृद्धि योजना, तकनीकी उन्नयन एवं ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म, स्टार्टअप प्रोत्साहन नीति जैसे योजनाओं की जानकारी दी गई। बताया गया कि इन योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के पारंपरिक उद्योगों को आधुनिक तकनीक, विपणन, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इससे न केवल स्थानीय कारीगर और उद्यमी आत्मनिर्भर हुए हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों तक भी पहुंच बना पाए हैं।

मंत्री राकेश सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार पारंपरिक और कुटीर उद्योगों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि ओडीओडी और खादी जैसी योजनाओं ने न केवल ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा दिया है, बल्कि उत्तर प्रदेश को ‘हस्तशिल्प और नवाचार’ का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि डॉ. पीयूष सिंह के माध्यम से भारत और पैरागुए के बीच खादी, वस्त्र, हस्तशिल्प और रेशम जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग के नए द्वार खुलेंगे।

राजदूत डॉ. पीयूष सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत योजनाओं और प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश की एमएसएमई नीति में नवाचार, गुणवत्ता और आत्मनिर्भरता का अद्भुत समन्वय है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक उद्योगों को तकनीक और मार्केट एक्सेस से जोड़ने का कार्य प्रशंसनीय है और यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकता है। उन्होंने पैरागुए में उत्तर प्रदेश के उत्पादों के प्रचार-प्रसार और विपणन के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर प्रदेश के वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना ने भी प्रतिभाग किया।बैठक में संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव, विशेष सचिव, निदेशकगण, तकनीकी विशेषज्ञ व विभिन्न योजनाओं से जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे।--------------

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन