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अररिया 02 जुलाई(हि.स.)।
फारबिसगंज के कटहरा स्थित सुलोचना देवी डॉ डीएल दास सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बच्चों के शिक्षा,संस्कार और सर्वांगीण विकास में माता की भूमिका को लेकर बुधवार को मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया।मौके पर अधिकारी कक्ष का उद्घाटन किया गया।जिसमें सैकड़ों माताओं ने भाग लिया। अतिथियों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्जवलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। सभी ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर आयोजन की शुरुआत की।
मौके पर प्रांतीय सचिव रामलाल सिंह ने कहा कि एक मां ही बच्चे की पहली शिक्षक होती है। उन्होंने माताओं को यह संदेश दिया कि बच्चों को संस्कारित और शिक्षित करने के लिए उनका सहयोग और मार्गदर्शन सबसे महत्वपूर्ण है। कहा कि विद्यालय और घर के बीच समन्वय से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है।
प्रवासी कार्यकर्ता गणेश प्रसाद ने कहा कि मातृ सम्मेलन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने माताओं से अपील की कि वे बच्चों को सही दिशा देने में विद्यालय का साथ दें और उनके चरित्र निर्माण पर विशेष ध्यान दें। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य सुदर्शन कुमार ने मातृ सम्मेलन के आयोजन के उद्देश्य और इसके महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने माताओं को विद्यालय की गतिविधियों और बच्चों की प्रगति से जुड़े रहने का आग्रह किया।
मौके पर प्रांत के सेवा प्रमुख प्रमोद ठाकुर, जिला संघचालक सच्चिदानंद मेहता,मुख्य अतिथि पूर्व मुख्य पार्षद गुंजन सिंह, संरक्षक डॉ डीएल दास,अध्यक्ष रामप्रकाश प्रसाद,उपाध्यक्ष विंदेश्वरी प्रसाद मंडल, सह सचिव कर्नल दास, कोषाध्यक्ष अशोक कुमार पाण्डेय,विशिष्ट अतिथि ममता कुमारी,प्रीति दास और अन्य समिति सदस्यों के साथ आचार्य बंधु भगिनी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर