राजौरी में गैस्ट्रोएंटेराइटिस, डायरिया के प्रसार को रोकने के लिए पांच झरने किए गए सील
राजौरी, 2 जुलाई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पिछले सप्ताह गैस्ट्रोएंटेराइटिस और डायरिया से दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य बीमार हो गए जिसके बाद पांच झरनों को सील कर दिया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि कोटरंका उप-मंडल के धार
राजौरी में गैस्ट्रोएंटेराइटिस, डायरिया के प्रसार को रोकने के लिए पांच झरने किए गए सील


राजौरी, 2 जुलाई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पिछले सप्ताह गैस्ट्रोएंटेराइटिस और डायरिया से दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य बीमार हो गए जिसके बाद पांच झरनों को सील कर दिया गया है।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि कोटरंका उप-मंडल के धार सकरी गांव में स्थित झरनों को एहतियात के तौर पर सील कर दिया गया है। इनमें से दो में ई-कोली पाया गया है। ई-कोली बैक्टीरिया का एक समूह है जो आंत, मूत्र पथ और शरीर के अन्य भागों में संक्रमण का कारण बन सकता है।

राजौरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोहर लाल राणा ने बताया कि पिछले पांच दिनों में सकरी से गैस्ट्रोएंटेराइटिस और डायरिया के करीब 40 मामले और पास के त्राला गांव से एक मामला सामने आया है। हालांकि उनमें से दो सकरी की 75 वर्षीय महिला और त्राला की बहु-अंग विफलता से पीड़ित 40 वर्षीय महिला ने दम तोड़ दिया था।

अधिकारियों ने बताया कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मामलों के मद्देनजर राजौरी के उपायुक्त अभिषेक शर्मा ने प्रभावित गांव का दौरा किया और जल परीक्षण प्रयोगशाला के कर्मचारियों सहित चिकित्सा और अन्य टीमों को तैनात किया तथा प्राकृतिक झरनों (बाओली) और एक नल कनेक्शन से नमूने एकत्र किए। उन्होंने बताया कि जांच करने पर दो झरनों में ई-कोली संदूषण पाया गया जबकि नल के पानी को पीने के लिए सुरक्षित घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि कुल पांच झरनों को सील कर दिया गया है और उनका उपचार किया जा रहा है। एहतियाती उपाय के तौर पर जिला प्रशासन ने एक सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह जारी की है जिसमें निवासियों से अनुपचारित झरने के पानी का उपयोग करने से बचने और केवल सुरक्षित, उपचारित पानी का सेवन करने का आग्रह किया गया है।

हालांकि पीएचई विभाग इन बाओली से पानी की आपूर्ति नहीं करता है लेकिन इसने दूषित बाओली को ब्लीचिंग पाउडर से अच्छी तरह से साफ करके और क्लोरीनेट करके सक्रिय कदम उठाए हैं। इसके अतिरिक्त सभी दूषित झरनों को सार्वजनिक पहुंच से रोकने के लिए सील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि निवासियों को असुरक्षित जल स्रोतों से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूक किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित आबादी के लिए सुरक्षित जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह