कांग्रेस ने हमेशा महिलाओं को सशक्त बनाया, 73वें, 74वें संशोधन ने महिलाओं की 33 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित की : कर्रा
श्रीनगर, 2 जुलाई (हि.स.)। पार्टी के आंदोलन हमारी रियासत हमारा हक के हिस्से के रूप में श्रीनगर में एक दिवसीय महिला कांग्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि पूर्व प्रध
महिला कांगरेस के सममेलन काे संबाेधित करते पीसीसी अधयक्ष््


श्रीनगर, 2 जुलाई (हि.स.)। पार्टी के आंदोलन हमारी रियासत हमारा हक के हिस्से के रूप में श्रीनगर में एक दिवसीय महिला कांग्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री (भारत की लौह महिला) इंदिरा गांधी को महिला सशक्तीकरण का श्रेय दिया जाता है जबकि उन्होंने समाज में उचित प्रतिनिधित्व और समानता के संबंध में महिलाओं को पुरुषों के बराबर लाने के लिए अपने दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया था।

कर्रा ने कहा कि महिला सशक्तीकरण कांग्रेस का बच्चा है और पार्टी ने देश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पर्याप्त काम किया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी महिला सशक्तीकरण के लिए पूरी तरह से काम करना जारी रखेगी।

महिला कांग्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कर्रा ने भाजपा पर महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर देश को मूर्ख बनाने का आरोप लगाया जबकि भाजपा ने कुछ नहीं किया बल्कि महिला सशक्तिकरण का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया। महिला सशक्तिकरण के संबंध में कांग्रेस पार्टी के महान प्रयासों का उल्लेख करते हुए कर्रा ने कहा कि इंदिरा गांधी पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, प्रतिभा पाटिल भारत की पहली राष्ट्रपति थीं और मीरा कुमार पहली लोकसभा अध्यक्ष थीं।

राजीव गांधी ने भारतीय संविधान के 73वें और 74वें संशोधन के माध्यम से देश में पंचायत के तीनों स्तरों में महिलाओं के लिए एक तिहाई प्रतिनिधित्व की शुरुआत की और महिलाओं को उनके क्षेत्र या रंग के बावजूद न्याय और समानता के लिए प्रतिबद्ध रहे। यूपीए सरकार ने जम्मू-कश्मीर पंचायत राज संस्थाओं में 8300 महिला प्रतिनिधियों को शामिल किया जिसमें डीसीसी अध्यक्ष और एससी व एसटी समुदायों की एक तिहाई महिलाएं शामिल हैं। वहीं जेकेपीसीसी अध्यक्ष ने खेद व्यक्त किया कि भाजपा से समर्थन की कमी के कारण यूपीए सरकार विधानसभाओं में एक तिहाई महिला आरक्षण के लिए लोकसभा में विधेयक पारित नहीं कर सकी लेकिन उसी विधेयक को राज्यसभा में एक तिहाई के लिए पारित कर दिया जो भाजपा की ओर से घोर पाखंड और शोषण को दर्शाता है।

हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह