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बेंगलुरु, 2 जुलाई (हि.स.)।
कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कैट ने अपने आदेश में आरसीबी टीम के आईपीएल जीत के जश्न से पहले चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ को लेकर आईपीएस अधिकारी विकास कुमार का निलंबन रद्द कर दिया था। इस दुर्घटना में 11 लोगों की जान गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। राज्य सरकार ने विकास कुमार के साथ-साथ कर्नाटक पुलिस विभाग के चार अन्य अधिकारियों को भी कथित लापरवाही और भीड़ को नियंत्रित करने में विफलता के लिए निलंबित कर दिया गया था।
महाधिवक्ता शशिकरण शेट्टी ने आज न्यायमूर्ति एस.जी. पंडित और टीएम नदाफ की खंडपीठ से कहा कि कल आदेश पारित किया गया और विकास कुमार आदेश के तुरंत बाद वर्दी में कार्यभार संभालने के लिए आए। उन्होंने खंडपीठ से अनुरोध किया कि कैट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई की जाए। पीठ ने इस बिंदु पर विचार करते हुए कहा कि वह कल यानी गुरुवार ( 3 जून) को याचिका पर सुनवाई करेगी।
दरअसल, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने मंगलवार, (1 जून) को विकास कुमार का निलंबन यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि पुलिस की ओर से लापरवाही दिखाने वाला कोई ठोस सबूत नहीं है। लिहाजा, याचिकाकर्ता को तत्काल उसी पद पर बहाल किया जाए।
उल्लेखनीय है कि 4 जून 2025 को आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के लिए पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए राज्य सरकार ने बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद, आईपीएस अधिकारी विकास कुमार और अन्य दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। विकास कुमार ने इसे कैट में चुनौती दी थी और कैट ने सरकार के निलंबन आदेश को रद्द करते हुए तत्काल उसी पद पर उन्हें बहाल करने का आदेश दिया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश महादेवप्पा