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चतरा, 2 जुलाई (हि.स.)। अच्छी बारिश और बेहतर पैदावार होने की कामना को लेकर जिले के कई गांवों में गांव के प्राचीन देवताओं की विधिवत पूजा अर्चना की जा रही है। आषाढ़ी पूजा को लेकर गांवों में लोग उत्साहित हैं। धान की रोपाई से पहले प्राचीन देवताओं की पूजा अर्चना करने की परंपरा यहां सदियों से चली आ रही है।
इस बार अच्छी बारिश और बेहतर पैदावार की कामना को लेकर कई प्रखंड में पूजा अर्चना जनजातीय परंपरा के अनुरूप हो रहीं है। आज ग्राम पत्थलगडा, बरवाडीह, सिंघानी, दुंबी में सामूहिक रूप से ग्राम देवता की पूजा अर्चना की गई।
वहां पाहन और भगत के द्वारा ढोल बाजे के साथ ग्राम भ्रमण किया गया। उसके बाद गम्हेल, देवी भगवती और बीरवन नामक स्थान में पूजा अर्चना की गई। पूजा के बाद यहां बकरा, मुर्गा और सूअर की बलि भी दी गई।
मान्यता है कि गांव के प्राचीन देवताओं की पूजा अर्चना और आराधना करने से अच्छी बारिश होती है। अब तक पर्याप्त बारिश नहीं होने से धान की रोपाई शुरू नहीं हुई है। ऐसे में सभी गांव में आषाढ़ी पूजा कर अच्छी बारिश की कामना की जा रही है। पाहन और भगत के द्वारा पूरे गांव में ढोल बजाकर हर गांव के दरवाजे पर पहुंच कर चावल का अक्षत का वितरण किया गया। मोरपंख से बच्चों व महिलाओं की नजर उतारी गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी