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जयपुर, 2 जुलाई (हि.स.)। जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त हनुमान सहाय को बीस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 2.85 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पीठासीन अधिकारी केसी अटवासिया ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने नाबालिग पीडिता के साथ दुष्कर्म कर उसे गर्भवती करने का अपराध किया हैं। अभियुक्त का यह अपराध गंभीर और घृणित प्रकृति का है। ऐसे में उसके प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता। अदालत ने कहा कि घटना में यदि पीडिता की सहमति भी रही थी तो भी यह अपराध कर श्रेणी में माना जाएगा। कानून में नाबालिग की सहमति कोई महत्व नहीं रखती है। वहीं डीएनए रिपोर्ट से भी साबित है कि अभियुक्त ने पीडिता से दुष्कर्म किया था।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमलेश शर्मा ने अदालत को बताया कि घटना को लेकर 22 जुलाई, 2022 को पीडिता ने अलवर के महिला चिकित्सालय में विराटनगर थाना पुलिस को पर्चा बयान दिया था। जिसके कहा गया कि 12 अप्रैल, 2022 को वह स्कूल गई थी। स्कूल में उसकी तबीयत खराब हो गई थी। वहीं रास्ते में वह बेहोश हो गई थी। इसके बाद उसे घर पर होश आया। इसके तीन-चार दिन बाद चारा लाने के दौरान भी वह रास्ते में बेहोश हुई। एक दिन पहले उसके पेट में दर्द हुआ तो चिकित्सक ने उसे गर्भवती होना बताया। पर्चा बयान में पीडिता ने कहा कि जिस दिन वह स्कूल में बेहोश हुई थी, तब किसी ने उसके साथ दुष्कर्म किया था, लेकिन उसे दुष्कर्म करने वाले की जानकारी नहीं है। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान पीडिता ने अदालत को बताया कि हनुमान सहाय अपनी गाड़ी में पशु लाता है और उसके पिता उससे भैंस खरीदते हैं। ऐसे में वह उसे जानती है। हनुमान ने उसके साथ खेत में कई बार गलत काम किया। जब उसने विरोध किया तो हनुमान ने उसे व उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद उसके पेट में दर्द हुआ तो उसे गर्भवती होने का पता चला। वहीं अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा से दंडित किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक