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--कोर्ट ने कहा केवल आशंका पर नहीं दाखिल की जा सकती याचिका
प्रयागराज, 02 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल में 6 जुलाई को मोहर्रम के समय 54 गुणे 15 फीट का ताजिया निकालने की अनुमति की मांग में दाखिल याचिका पर यह कहते हुए हस्तक्षेप से इंकार कर दिया कि केवल काल्पनिक आशंका को लेकर याचिका दाखिल नहीं की जा सकती।
कोर्ट ने कहा कि याची ने स्वयं माना कि पुलिस ने कोई लिखित आदेश नहीं दिया है। थाना कोतवाली की 22 जून 25 की नोटिस में कहा गया है कि ताजिया निकालते समय ऐसे कोई क्रियाकलाप न किए जाय जिससे कानून व्यवस्था भंग होती हो। ताजिया निकालने पर रोक नहीं है।
इस पर याची ने सम्बंधित अधिकारी के समक्ष पिछले वर्ष की तरह 54 गुणे 15 फीट का ताजिया निकालने की अनुमति की अर्जी दाखिल करने की छूट दिए जाने की। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और याचिका निस्तारित कर दी।
यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ ने आफताब हुसैन व एक अन्य की याचिका पर दिया है।
याची का कहना था उसे बड़ा ताजिया निकालने से रोका जा रहा है। विगत वर्ष बड़ा ताजिया निकाला गया था। कोई लिखित आदेश न होने के कारण कोर्ट ने इसे याची की काल्पनिक आशंका करार दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे