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अनूपपुर, 2 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ 19 दिनों पूर्व अनूपपुर जिले में आए चार प्रवासी जंगली हाथियों का समूह जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर क्षेत्र में विचरण करते हुए गत 16 दिनों से वन परिक्षेत्र राजेंद्रग्राम के क्षेत्रो में विचरण कर बुधवार को डिंडौंरी जिले की सीमा में प्रवेश कर गयें। इस बार हाथियों द्वारा राजेंद्रग्राम में दिन में जंगल में ठहरने बाद रात में खाने की तलाश में कई ग्रामीणों के मकानो में तोड़फोड़ कर घर के अंदर रखे विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाया है, जिससे ग्रामीण जन भयभीत एवं परेशान रहे हैं, हाथियों के विचरण एवं आम जन की सुरक्षा हेतु वनविभाग का गश्ती दल निरंतर निगरानी करते हुए ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने की अपील की गई है।
चार हाथियों का समूह छत्तीसगढ़ से विचरण करते हुए 14 जून की की रात अनूपपुर जिले के जैतहरी क्षेत्र में प्रवेश करते हुए तीन दिनों तक जैतहरी एवं अनूपपुर क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में विचरण के बाद 17 जून की रात राजेंद्रग्राम वन परिक्षेत्र में प्रवेश कर निरंतर 16 दिनों से विचरण कर रहे थे, जो बुधवार की सुबह डिंडौंरी जिले की सीमा बीट मोहगांव के बैदरा गांव से लगे जंगल में में अपना डेरा जमाया हैं। हाथियों के समूह द्वारा प्रतिदिन जंगल में बिताने बाद रात होते ही ग्रामीण अंचलों के टोला/मोहल्ला में खाने की तलाश पर प्रत्येक रात 5 से 10 ग्रामीणों के मकान में तोड़फोड़ कर घरों के अंदर रखे विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाया है। 16 दिनों के मध्य हाथियों द्वारा विभिन्न ग्रामों के 50 से अधिक ग्रामीणो के मकान में तोड़फोड़ की हैं।
ज्ञात हो कि विगत कई वर्षों से छत्तीसगढ़ के साथ मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के जैतहरी अनूपपुर एवं राजेंद्रग्राम क्षेत्रों में हाथियों के निरंतर आने से अब हाथियों ने अपना विचरण/रहवास क्षेत्र बना लिया हैं। चारों हाथियों ने वन परिक्षेत्र राजेंद्रगाम के तुलरा बीट के जंगल ग्राम पंचायत अमदरी के खाल्हेधवई, टिकराधवई के जंगल में दिन में विश्राम करने बाद मंगलवार-बुधवार की रात ग्राम पंचायत अमदरी के टिकरा धवई गांव में इंद्रपाल सिंह एवं कोप सिंह के घरों में तोड़फोड़ करते हुए सुबह सीमा से लगे डिंडोरी जिला के मोहगांव बीट के बैदरा गांव से लगे जमुनापानी जंगल में डेरा जमाया हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला