प्लास्टिक सर्जरी का बढ़ा दायरा, हर आम व खास के लिए उपयोगी:डॉ.संगीता ठकुरानी
प्लास्टिक सर्जरी डे
प्लास्टिक सर्जरी का बड़ा दायरा, हर आम व खास के लिए उपयोगी:डॉ.संगीता ठकुरानी


जयपुर, 16 जुलाई (हि.स.)। प्लास्टिक सर्जरी को लेकर आमजन में काफी भ्रम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में प्लास्टिक सर्जरी डे के अवसर पर सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) की प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी विभाग की प्रोफेसर डॉ. संगीता ठकुरानी ने इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोगों ऐसा मानते है कि यह महंगी सर्जरी होती हैं, जो अमीर और मशहूर लोग ही करवा सकते है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है, इस सर्जरी का दायरा बढ़ा है एवं ये विभिन्न समस्याओं में एकमात्र एवं सटीक इलाज है। जो हर आम व्यक्ति के लिए उपलब्ध है एवं किफायती भी है।

डॉ. ठकुरानी ने बताया कि गैस्ट्रो सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी और अन्य के बीच प्लास्टिक सर्जरी लगभग सभी सर्जिकल विशेषज्ञताओं में सबसे बड़ी है। यह सिर से पैर तक, नवजात शिशुओं से लेकर वृद्ध रोगियों, पुरुषों, महिलाओं और ट्रांसजेंडरों, स्वस्थ, फिट और आघातग्रस्त लोगों और साधारण तिल निकालने से लेकर बड़े कैंसर पुनर्निर्माण तक की सर्जिकल समस्याओं से संबंधित है।

ठकुरानी ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी और कॉस्मेटिक सर्जरी एक दूसरे के पर्यायवाची लगते हैं, हालांकि ऐसा नहीं है। प्लास्टिक का अर्थ है बनाना या निर्माण करना,जो शरीर के ऊतकों को फिर से बनाने या सुधारने का कार्य करती है।

जिसका सबसे सरल उदाहरण दुर्घटना और जलने के घावों को ढकने के लिए त्वचा का प्रत्यारोपण है। अन्य उदाहरणों में छोटे कैंसर के चीरे के बाद दोषों को ढकना, आसपास के ऊतकों का उपयोग करके अल्सर और पुराने घावों को ठीक करना शामिल है। इसके अलावा, छोटे या अनुपस्थित कानों के साथ पैदा हुए रोगियों के कानों का पुनर्निर्माण करना, या पलकों का पुनर्निर्माण करना, फटे होंठों या तालू की मरम्मत करना, जलने या दुर्घटनाओं में क्षतिग्रस्त नाक एक और चुनौतीपूर्ण पुनर्निर्माण सर्जरी है जो आमतौर पर प्लास्टिक सर्जरी विभाग में की जाती है। ये प्रक्रियाएं इस तरह से की जाती हैं कि घाव ढक जाए या पुनर्निर्माण आसपास के ऊतकों पर कोई प्रभाव डाले बिना किया जाए, जो लगभग सामान्य रहता है।

ठकुरानी ने बताया कि जलने, संक्रमण या कभी-कभी जन्म के कारण विकृत हो चुके रोगियों की उंगलियो, जोड़ों या अन्य किसी अंग को पुनः सामान्य स्थिति में लाना भी प्लास्टिक सर्जरी का ही हिस्सा है। इसके अलावा, चेहरे और धड़ पर भद्दे दिखने वाले निशानों, सूजन का इलाज या उन्हें हटाना या दुर्घटना के मामलों में तंत्रिकाओं की मरम्मत करना, हाथ की कार्यक्षमता को बहाल करने के लिए सर्जरी करना, आमतौर पर प्लास्टिक सर्जन द्वारा की जाती है।

डॉ. ठकुरानी ने बताया कि कॉस्मेटिक सर्जरी सामान्य शरीर के अंगों पर की जाती है ताकि उनकी सुंदरता में सुधार हो या उम्र,जीवनशैली,हार्मोन संबंधी बदलावों को रोक कर पहले जैसी अवस्था में लाया जा सके। कई बार अच्छी बॉडी शेप प्राप्त करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।

ठकुरानी ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में हाल ही में कई प्रगति हुई हैं। इसमें पुनर्निर्माण सर्जरी में हम दोषों की मरम्मत से लेकर हाथ प्रत्यारोपण और यहाँ तक कि चेहरे के प्रत्यारोपण तक पहुँच चुके हैं, वहीं सौंदर्य सर्जरी में तकनीकी प्रगति तेज़ी से बढ़ रही है। भारत में अब 5-6 केंद्र ऐसे हैं जहाँ दोनों हाथों के प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं। गंभीर रूप से जले हुए रोगियों के लिए दान की गई त्वचा का उपयोग करने हेतु त्वचा बैंकों की स्थापना भारत भर के कई राज्यों में की जा रही है। कई नए प्रकार की ड्रेसिंग हैं जो सबसे गंभीर घावों को भी लाभ पहुँचा सकती हैं और कभी-कभी सर्जरी को टाल भी सकती हैं। लेज़र, सौंदर्य उपकरण, लिपोसक्शन पद्धतियाँ, ऊर्जा आधारित त्वचा कसने या रंगहीन करने वाली कई अत्याधुनिक तकनीक एवं मशीन है, जो न्यूनतम डाउन टाइम और नगण्य जटिलता के साथ बेहतर परिणाम देती हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश