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- 2000-2000 रुपये अर्थदंड न देने पर होगी पांच दिन की जेल मीरजापुर, 16 जुलाई (हि.स.)। ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत न्याय दिलाने की दिशा में एक और निर्णायक कदम सामने आया है। मारपीट और गाली-गलौज के एक पुराने मामले में चार अभियुक्तों को 2000-2000 का अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। यह सजा सिविल जज (जूनियर डिवीजन)/एफटीसी ऐश्वर्या यादव ने सुनाई। यदि अभियुक्त जुर्माना अदा नहीं करते हैं तो उन्हें पांच दिन का साधारण कारावास भुगतना होगा।
2004 का मुकदमा, 2025 में मिला फैसला यह मामला कछवां थाना क्षेत्र अंतर्गत दर्ज एनसीआर-99/2004 का है, जिसमें धारा 323 (मारपीट) और 504 (गाली-गलौज) भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया था। इस मुकदमे में नामजद चार अभियुक्त थे। इसमें खरपत्तू पुत्र वशीराम, रविशंकर पुत्र खरपत्तू, प्रेमशंकर पुत्र खरपत्तू व रमाशंकर पुत्र खरपत्तू सभी निवासी बिदापुर थाना कछवां शामिल हैं।
पुलिस की पैरवी से जुर्माना तय, अपराध की स्वीकारोक्ति बनी आधार मामले में गुणवत्तापूर्ण विवेचना और सशक्त पैरवी के चलते न्यायालय ने अभियुक्तों की जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर यह दंड सुनाया। अभियोजन की ओर से एपीओ अजय मिश्रा, विवेचक उपनिरीक्षक मेहेंद्रनाथ राम, पैरोकार आरक्षी अजय यादव एवं कोर्ट मुहर्रिर मुख्य आरक्षी सुनील कृष्ण ने मिलकर प्रभावी पैरवी की।
ऑपरेशन कन्विक्शन से अपराधियों में खौफ ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत हुई कार्रवाई ने यह स्पष्ट किया है कि चाहे मामला वर्षों पुराना ही क्यों न हो, पुलिस अपराधियों को सजा दिलाने में पीछे नहीं हटेगी। छोटे से छोटे अपराध को भी माफ नहीं किया जाएगा। दंड भुगतना ही होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा