जूट शिल्प को बनाया आजीविका का साधन, आर्थिकी हो रही मजबूत
अल्मोड़ा, 16 जुलाई (हि.स.)। हवालबाग ब्लॉक के ख़त्याड़ी गांव की सीमा कुमारी जूट शिल्प के जरिए स्वरोजगार की मिसाल बन चुकी हैं। उन्होंने जूट सेंटर का संचालन कर आय का साधन विकसित किया। गांव को दस से अधिक महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ा है। सीमा के अनुसार
ख़त्याड़ी गांव की सीमा कुमारी


अल्मोड़ा, 16 जुलाई (हि.स.)। हवालबाग ब्लॉक के ख़त्याड़ी गांव की सीमा कुमारी जूट शिल्प के जरिए स्वरोजगार की मिसाल बन चुकी हैं। उन्होंने जूट सेंटर का संचालन कर आय का साधन विकसित किया। गांव को दस से अधिक महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ा है।

सीमा के अनुसार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर समूह के माध्यम से एक लाख रुपये का ऋण लेकर अपने व्यवसाय की शुरुआत की। आरसीटी हवालबाग से जूट शिल्प का प्रशिक्षण लिया।

उनकी बनाई जूट की थैलियां, बैग, सजावटी सामान और उपयोगी उत्पाद स्थानीय दुकानों में बिकते हैं और दिल्ली,हल्द्वानी, नैनीताल, देहरादून जैसे शहरों और महानगरों तक भेजे जाते हैं। सालाना चार लाख रुपये से अधिक की आमदनी हो रही हैं। जूट शिल्प से जुड़कर आत्मनिर्भरता हासिल की और अन्य महिलाओं को भी सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। उनकी सफलता से गांव की अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो रही हैं। वर्तमान में वह विकास स्वायत्त सहकारिता की अध्यक्ष हैं।

पहाड़ी दालों और उत्पादों से जोड़ रहीं : अल्मोड़ा नगर के सिमकनी मैदान के पास हिमान्या आउटलेट की दुकान खोली है। इस दुकान में गहत, भट्ट, लाल चावल सहित पारंपरिक पहाड़ी दालों और उत्पादों को रखा गया हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / DEEPESH TIWARI