हरेला प्रकृति, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है : मुख्यमंत्री
-हरेला : मुख्यमंत्री ने रोपा रुद्राक्ष का पौधा देहरादून, 16 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश के लोकपर्व हरेला के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज में “हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ” थीम पर आयोजित राज्य
हरेला के अवसर पर पौधरोपण करते मुख्यमंत्री धामी।


-हरेला : मुख्यमंत्री ने रोपा रुद्राक्ष का पौधा

देहरादून, 16 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश के लोकपर्व हरेला के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज में “हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ” थीम पर आयोजित राज्यव्यापी पौधरोपण कार्यक्रम में रुद्राक्ष का पौधा रोपा। उन्होंने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरेला प्रकृति, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला केवल एक पर्व नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, प्रकृति और चेतना से जुड़ा एक गहरा भाव है, जो हमें पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। उन्होंने बताया कि हरेला पर्व पर लगभग पांच लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग के प्रत्येक डिवीजन में 50 प्रतिशत फलदार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि इस महाभियान में सरकार ने जन सहभागिता, स्वयंसेवी संगठनों, छात्र-छात्राओं, महिला समूहों और पंचायतों का सहयोग ले रही है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘पंचामृत संकल्प’, ‘नेट ज़ीरो इमिशन’, ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार भी इन्हीं मूल्यों को आत्मसात करते हुए कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष देशभर में 108 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है।

जल स्रोतों के संरक्षण हेतु ठोस पहल

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है। इसके माध्यम से अब तक 6,500 से अधिक जलस्रोतों का संरक्षण और 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संचयन किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और वाहनों में कूड़ेदान अनिवार्य कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अपने जीवन के विशेष अवसरों पर एक पौधा अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल करें, जिससे पर्यावरण संरक्षण को जनांदोलन बनाया जा सके।

इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में श्रावण मास में हरेला पूजन के उपरांत पाैधरोपण करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, जो हमारी सांस्कृतिक चेतना और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का प्रमाण है। हरेला पर्व हमें यह सिखाता है कि प्रकृति की रक्षा करना केवल दायित्व नहीं, बल्कि एक पुनीत कर्तव्य है।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि लोकपर्व हरेला प्रदेश के 2,389 स्थानों पर मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में हरेला पर्व पर लगाए गए पौधों का सर्वाइवल रेट 80 प्रतिशत से अधिक रहा है। उन्होंने जल स्तर में हो रही गिरावट को गंभीर चिंता का विषय बताया और कहा कि इसके लिए हमें पौधारोपण एवं जलधाराओं के संरक्षण हेतु निरंतर प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, विधायक खजान दास, देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा सहित वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विनोद पोखरियाल