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- उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सतना में व्याख्यान माला को किया संबोधित
सतना, 15 जुलाई (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि समाजसेवी स्व. शंकर प्रसाद ताम्रकार का आदर्श जीवन समाज के लिए समर्पित रहा है। ऐसे व्यक्तियों का स्मरण आने वाले पीढी को आदर्श जीवन जीने की शिक्षा भी देता है।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल मंगलवार को सतना में स्व. शंकर प्रसाद ताम्रकार की 10वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित व्याख्यान माला को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रवादी विचारक पुष्पेन्द्र कुल श्रेष्ठ ने व्याख्यान माला में अपने भावपूर्ण उद्गार व्यक्त किये। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह, विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार, नागेन्द्र सिंह, महापौर योगेश ताम्रकार, जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, कुलगुरू चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रो. भरत मिश्रा, समाजसेवी श्रीकृष्ण माहेश्वरी, स्टार गु्रप के चेयर मैन रमेश सिंह, डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन सहित गणमान्य नागरिक एवं बडी संख्या में स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित थे।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि संस्कार विहीन शिक्षा वरदान नहीं बल्कि अभिशाप होती है। संस्कार से भरी हुई शिक्षा से किया गया व्यक्ति का निर्माण देश के लिए वरदान साबित होता है। उन्होंने स्व. शंकर प्रसाद ताम्रकार के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि स्व. ताम्रकार कितने शिक्षित थे। इसक अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस जमाने में आईआईटी खडगपुर से स्वर्ण पदक के साथ एमटेक किया और आल इंडिया रैंक में रेल्वे में चयनित हुए। यदि वह चाहते तो रेल्वे के इंजीनियर के सबसे बडे पद को प्राप्त कर सकते थे। लेकिन उन्होंने नौकरी छोडकर समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लिया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में उनके सानिध्य में रहकर सदैव ऊर्जा मिलती थी। उनकी सहज मुस्कान और आत्मीय भाव एक नई ऊर्जा भरते थे। शंकर प्रसाद सही मायने में एक मार्गदर्शक और आदर्शों को आत्मसात कर समाज को नई दिशा देने वाले व्यक्तियों की भूमिका में अग्रणी थे।
नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि परिवार में वरिष्ठजन हमारी सबसे बडी पूंजी होते हैं। और जिन लोगों को परिवार के वरिष्ठजनों का साथ लम्बे समय तक प्राप्त होता है। वह अत्यंत सौभाग्यशाली होता है। उन्होंने कहा कि सही राह और नियम से जीवन का निर्वाह का पूर्वजों ने जो संस्कार दिया है। उसी परंपरा को स्व. शंकर प्रसाद ताम्रकार के सुपुत्र महापौर योगेश ताम्रकार समाज सेवा को प्रमुखता देकर आगे बढा रहे हैं।
राज्यमंत्री ने कहा कि यही आदर्श और संस्कार भारत भूमि की मूल पूंजी रही है। उन्होंने कहा कि आगामी पीढी को आदर्शों की प्रेरणा देने के लिए स्व. शंकर प्रसाद ताम्रकार के नाम पर किसी संस्थान का नामकरण सतना में किया जाना चाहिए।
सांसद गणेश सिंह ने कहा कि उन्हें स्व. शंकर प्रसाद ताम्रकार के सानिध्य में आने का अवसर सन 1990 के दशक में प्राप्त हुआ। उनसे नैतिक मूल्यों पर आधारित जीवन को सीखने और चित्रकूट में नानाजी देशमुख से मिलने का अवसर भी प्राप्त हुआ। जिला पंचायत के अध्यक्ष के रूप में गांव कैसे स्वावलम्बी बनें और शासन की योजनायें गांव-गांव तक कैसे पहुंचे, सीखने को मिला। सांसद ने कहा कि जीवन में इतना सम्मान बहुत ही बिरले लोगों को प्राप्त होता है। पदमा शंकर ट्रस्ट स्व. शंकर प्रसाद ताम्रकार के आदर्शों, जीवन मूल्यों और समाज सेवा के कामों को आगे बढायेगी।
कार्यक्रम में महापौर और पदमा शंकर ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी योगेश ताम्रकार ने स्व. श्री शंकर प्रसाद ताम्रकार के जीवन परिचय तथा ट्रस्ट के समाजसेवी कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर