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लखनऊ, 15 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश में निवेश को बढ़ाने, निवेशकों को अधिक से अधिक सहूलियत प्रदान करने एवं उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए शुरू की गई उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति के तहत प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में स्थापित पांच कंपनियों को 104.90 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने मंगलवार को विभागीय प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही दो कम्पनियों को 7.09 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण भी किया स्वीकृत किया।
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी द्वारा मेसर्स एसएलएमजी बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड को 38 करोड़ 14 लाख 92 हजार 360 रुपये, मेसर्स सिल्वरटन पल्प एण्ड पेपर्स प्राइवेट लिमिटेड को एक करोड़ 86 लाख 16 हजार 406 रुपये, मेसर्स एसीसी लिमिटेड को 17 करोड़ 02 लाख 15 हजार 711 रुपये, मेसर्स वंडर सीमेंट लिमिटेड को 37 करोड़ 74 लाख 82 हजार 199 रुपये एवं मेसर्स मून बेवरेजेज लिमिटेड को 8 करोड़ 55 लाख 29 हजार 197 रुपये के प्रोत्साहन राशि प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई।
ब्याज मुक्त ऋण स्वीकृत
औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत मेसर्स एसडी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड गोरखपुर को वित्तीय सहायता एवं प्रोत्साहन के रूप में छह करोड़ 37 लाख 38 हजार रूपये एवं आरएलजे कॉनकास्ट प्राइवेट लिमिटेड चुनर मीरजापुर को 72.50 लाख रूपये का ब्याज मुक्त ऋण मंत्री नन्दी द्वारा स्वीकृत किया गया। मंत्री नन्दी ने कहा कि इस प्रोत्साहन राशि से उद्योगों को और बढ़ाने में मदद मिलेगी।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि 2017 से पहले जहां उत्तर प्रदेश से उद्योग धंधों का पलायन हो रहा था। वहीं योगी सरकार में उत्तर प्रदेश निवेश का प्रमुख केंद्र बन कर उभरा है। जहां निवेशकों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन योजना नीति के तहत विशिष्ट नीतियां घोषित की है। इनके अंतर्गत सब्सिडी, एसजीएसटी प्रतिपूर्ति एवं व्यवसायों के लिए अन्य वित्तीय प्रोत्साहनों का प्रावधान किया गया है। नए भारत का नया उत्तर प्रदेश निवेश का प्रमुख गंतव्य बन कर उभरा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा