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भोपाल, 15 जुलाई (हि.स.)। भोपाल में मंगलवार को कांग्रेस नेताओं ने स्कूल पहुंचकर बच्चों के बैग का वजन चेक किया। उन्होंने तौल कांटे पर बैग रखकर देखा। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग को जगाने के लिए वजन करने वाली मशीन लेकर निजी स्कूल पहुँचे उनके साथ कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरोलिया कुंदन पंजाबी और विक्रम चौधरी ने वहाँ पाया कि छात्रों को तय नियमो के विपरीत काफी भारी स्कूल बैग का बोझ उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं ।
कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि 16 जून से प्रदेश में स्कूल बैग के वजन को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुरू किया जाने वाला जागरूकता अभियान एक माह बीत जाने के बाद भी केवल कागजों और आदेशों में ही चल रहा है, जमीनी हकीकत में इस पर कोई अमल नहीं हो रहा। शिक्षा माफियाओं ने कमीशन के लालच में सिर्फ निजी स्कूल ही नही शासकीय स्कूल को भी निशाना बनाया हुआ है। चाहे सीएम राइस स्कूल हो या निजी स्कूल के हालात हो इन में कोई अंतर नही है। त्रिपाठी ने बताया कि राजधानी भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित निजी स्कूल और शासकीय पीएम श्री स्कूल के छात्र ही शासन के निर्धारित मापदंडों से कई गुना अधिक वजन के स्कूल बैग ढोने को मजबूर हैं। छोटे-छोटे बच्चों के नाजुक कंधों पर अत्यधिक वजन लाद दिया गया है , जिसकी वजह से कई बच्चे पढ़ाई और खेलकूद की उम्र में ही डॉक्टर और अस्पताल के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं। भाजपा सरकार और प्रशासन के साथ ही बाल आयोग भी मूक दर्शक बना हुआ है।
विवेक त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि शिक्षा माफियाओं द्वारा किताबों की अनावश्यक खरीद में कमीशनखोरी के लालच में छात्रों के जीवन और स्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ किया जा रहा है। कम उम्र में बच्चों के स्वास्थ्य पर भारी असर पड़ रहा है, लेकिन शासन-प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। शासकीय स्कूलों में निःशुल्क मिलने वाली किताब वितरण में भी अगर शासन के नियमों का उलंघन होने लगे तो ये काफ़ी चिंताजनक है।
विवेक त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन भी शिक्षा माफियाओं के दबाव में कोई कार्यवाही नहीं कर रहा हैं जबकि निजी स्कूल खुले आम 10 गुना दामों में ड्रेस और कापी किताबें बेचीं जा रही है। हमने 25 जून को नेहरू नगर स्थित एक निजी स्कूल की दुकान पर पहुंच कर बताया था कि अभिभावकों को किस तरह से शिक्षा माफिया लूट रहें हैं। उसके बाद स्कूल संचालक पर एफआईआर की मांग को लेकर 01 जुलाई को जिला कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई भी शिकायत दर्ज करवाई लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। जल्दी हम सभी साक्ष्यों के साथ माननीय न्यायालय की शरण में जाएंगे।
अभिनव बरोलिया ने सरकार से मांग की कि स्कूल बैग के वजन को लेकर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए, और दोषी शिक्षा अधिकारियों, प्रबंधन और माफियाओं पर कठोर कार्यवाही हो ताकि बच्चों का भविष्य और स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके। भोपाल कलेक्टर द्वारा गठित निरीक्षण कमेटी द्वारा क्या कार्यवाही अब तक कि गई है इसका विश्लेषण कब होगा इसका जवाब प्रशासन को देना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे