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पूर्णिया, 13 जुलाई (हि.स.)।
टेटगामा गांव (रजीगंज पंचायत, थाना मुफस्सिल) में 6-7 जुलाई की रात अंधविश्वास के चलते एक ही आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों की निर्मम हत्या ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। डायन-बिसाही के संदेह में पीड़ितों को पीटकर ज़िंदा जलाया गया और फिर शवों को बोरे में भरकर खेत के गड्ढे में फेंक दिया गया।
मारे गए लोगों में बाबूलाल उरांव (40), उनकी पत्नी सीता देवी (35), मां कातो देवी (65), बेटा मंजीत उरांव (25) और बहू रानी देवी (23) शामिल हैं। इस अमानवीय कांड को अंधविश्वास फैलाने वाले स्थानीय तांत्रिक नकुल उरांव ने उकसाया था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके दो सहयोगी भी पकड़े गए हैं। एफआईआर में 23 नामजद और 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दूरभाष पर परिजनों से बात कर संवेदना जताई।
डॉ भूरिया ने कहा, यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक अंधविश्वास और जातीय भेदभाव का भयावह उदाहरण है। दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए और सरकार को पीड़ित परिवार की सुरक्षा व पुनर्वास सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होंने मांग की कि पीड़ितों को तत्काल मुआवजा दिया जाए, गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जाएं, तथा अंधविश्वास के खिलाफ सघन जागरूकता अभियान चलाया जाए।
इस दौरान झारखंड कांग्रेस नेता राज उरांव, जितेन्द्र उरांव, आनंद लकड़ा, कांग्रेस जिला अध्यक्ष बिजेंद्र यादव, नीरज सिंह, सुरेन्द्र उरांव समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने पीड़ित परिवार की सहायता और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
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हिन्दुस्थान समाचार / नंदकिशोर सिंह