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फतेहाबाद, 13 जुलाई (हि.स.)। जिले के सभी 6 खंडों में सरकार द्वारा स्कूल प्रबंधक कमेटी के पुर्नगठन को लेकर आदेश जारी करने और जेबीटी शिक्षकों की बीएलओ की ड्यूटी लगाए जाने का राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने रोष जताते हुए कड़ा विरोध किया है। इस मामले को लेकर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन रविवार को किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला प्रधान विकास टुटेजा ने की। बैठक में संघ के राज्य चैयरमैन देवेन्द्र दहिया एवं राज्य कानूनी सलाहकार दलीप बिश्नोई ने विशेष तौर पर भाग लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए विकास टुटेजा ने बताया कि सरकार द्वारा एसएमसी के पुर्नगठन को लेकर एक पत्र जारी किया गया है जिसमें एक ही प्रांगण में चल रहे प्राइमरी स्कूल व अन्य स्कूलों के लिए अब एक ही एसएमसी गठित की जाएगी और वार्षिक ग्रान्ट भी एक ही मिलेगी जोकि पहले प्राइमरी, मिडल व सैकेन्डरी स्तर पर अलग अलग मिलती थी। राज्य चैयरमैन देवेन्द्र दहिया एवं राज्य कानूनी सलाहकार दलीप बिश्नोई ने बताया कि सरकार का यह फैसला प्राइमरी स्कूलों के लिए अत्यधिक परेशानी पैदा करने वाला है क्योंकि उच्चतर स्कूलों में तो विद्यालय सुधार एवं रखरखाव के लिए अनेक तरह की ग्रांट आती हैं लेकिन प्राथमिक विद्यालयों को केवल एमसी के माध्यम से ही स्कूल ग्रांट इत्यादि एवं फंडों की राशि प्राप्त होती है। विभिन्न विद्यालयों के लिए एक एसएमसी होने पर प्राथमिक स्कूलों को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। पहले भी जिले के बहुत से प्राथमिक विद्यालयों में डीडीओ की लापरवाही से कंटीजेंसी ग्रांट, सफाई के 8000 रुपये की ग्रांट और स्कूल सौन्दर्यकरण पुरस्कार राशि लेप्स हो चुकी हैं।
जिला महासचिव योगेन्द्र वर्मा ने शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से इस पत्र को तुरन्त रद्द करने की मांग की और कहा कि यदि यह आदेश लागू हो जाता है तो प्राथमिक स्कूलों के साथ उसी प्रांगण में चल रहे अन्य वरिष्ठ स्कूलों के मध्य ग्रान्ट वितरण को लेकर मतभेद उत्पन्न होंगे जिसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा