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घरेलू उपचार से दांतों को स्वस्थ रख सकते हैं : डा. भास्कर अग्रवाल
लखनऊ, 13 जुलाई (हि.स.)। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में इंडियन सोसाइटी ऑफ प्रोस्थोडोंटिक्स-रेस्टोरेटिव-पैरीयोडोंटिक्स के 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन का अंतिम दिन अत्यंत उत्साहजनक और ज्ञानवर्धक रहा। देशभर से आए विशेषज्ञों और छात्रों ने सहभागिता कर अकादमिक विमर्श, तकनीकी नवाचार और आपसी समन्वय को आगे बढ़ाया। दिन की शुरुआत प्रतिष्ठित राष्ट्रीय विशेषज्ञों के व्याख्यानों से हुई। पूरे दिन चिकित्सकों ने अलग-अलग विषयों पर चर्चा की।
ऑर्गनाइजिंग कमेटी अध्यक्ष डा. पूरन चंद ने बताया की सम्मेलन ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि केजीएमयू दंत चिकित्सा शिक्षा, नवाचार और अनुसंधान में देश का अग्रणी संस्थान है।
सम्मेलन का मुख्य केंद्र नई उभरती तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस थ्रीडी प्रिंटिंग और डिजिटल वर्कफ्लो पर केंद्रित रही। डा. भास्कर अग्रवाल ने वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति औषधीय पौधों एवं घरेलू उपचार से दांतों को मज़बूत तथा स्वस्थ रख सकते हैं।
डॉ. विशाखा ग्रोवर ने पीरियो-प्रोस्थो समन्वय पर व्याख्यान दिया। डॉ. स्वप्निल परलानी ने सॉफ्ट टिशू इम्प्लांट्स की कार्यात्मक योजना और चेहरे के सुंदर मुस्कान पर प्रकाश डाला। डॉ. सोनल सिंह ने ओसिओइंटीग्रेशन को बेहतर बनाने में चुंबकीय तकनीक की संभावनाओं पर विचार प्रस्तुत किया।
मुख्य वक्ताओं में डॉ. आशीष कुमार ने ओक्लूजन में पीरियोडॉन्टल दृष्टिकोण की महत्ता पर जोर दिया, जबकि डॉ. फरहान दुर्गानी ने रेस्टोरेटिव इम्प्लांट डेंटिस्ट्री में हार्ड और सॉफ्ट टिशू ऑगमेंटेशन की भूमिका साझा की।
डा. कमलेश्वर सिंह व डा. सुनीत जुरेल ने संयुक्त बयान में बताया की एआई में रिसर्च से आधुनिक दंत चिकित्सा में क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहा है जो निदान, सटीकता, उपचार योजना और कस्टमाइज्ड प्रोस्थेसिस निर्माण को नई ऊंचाई दे रहे हैं। वक्ताओं में डा रघुवर दयाल सिंह इन्हें दंत चिकित्सा के भविष्य की दिशा में निर्णायक बताया।
पोस्टर प्रतियोगिता में डॉ. आशीता विजेता रहीं, जबकि पेपर प्रेजेंटेशन में डॉ. यांगचिन और डॉ. बिंदु को सम्मानित किया गया।
दिन का समापन भव्य समापन समारोह के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों और वक्ताओं को धन्यवाद दिया गया। आयोजन समिति में डॉ. बलेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. सुनीत कुमार जुरेल, डॉ. एम. रघुवर दयाल सिंह, डॉ. प्रोमिला वर्मा, डॉ. नंदलाल, डॉ. हुसबाना, डॉ. भास्कर, डॉ. कमलेश्वर, डॉ. रिधम और डॉ निशी को उनके अथक प्रयासों के लिए सराहा गया।----------------
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन