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कांकेर, 13 जुलाई (हि.स.)। जिला मुख्यालय में स्थित सखी वन स्टाप सेंटर में रविवार को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग सदस्य अधिवक्ता दीपिका शोरी की उपस्थिति में पीड़ित तीन पक्षकारों के मामले की सुनवाई रखी गई थी। जिसमें एक मामले के पीड़ित पक्षकार उपस्थित नहीं हुए, दो मामलों में एक अंतागढ़ के शिक्षक के दूसरे विवाह के मामले में पहली पत्नी ने भरण पोषण एवं अन्य किसी भी प्रकार से राशि या कृषि भूमि लेने से इंकार करते हुए अपने शिक्षक पति को नौकरी से बर्खास्त करने की मांग पर अड़ी रही, उन्हें अगली पेशी हेतु आयोग मुख्यालय में बुलाया गया है।
दूसरे मामले में वेवा बहु ने भरण-पोषण हेतु आयोग में निवेदन किया था, लेकिन सुनवाई के दौरान दोनों ही पक्षकार अपने अपने बातों में अड़े रहे इस प्रकरण को भी सुनवाई हेतु राज्य मुख्यालय रायपुर में अगली पेशी में बुलाया गया। सुनवाई के दौरान संरक्षण अधिकारी तुलसी मानिकपुरी, केंद्र प्रभारी काउंसलर प्रीति तिवारी, अधिवक्ता रेखा निषाद आदि उपस्थित रहे। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग सदस्य अधिवक्ता दीपिका शोरी ने कहा कि हमारा पहला कार्य यह है कि किसी का भी घर न टूटे किसी भी पीड़ित पक्षकार को आयोग से मायूसी नहीं मिलती और त्वरित एवं निःशुल्क न्याय मिलता है। जिसे ध्यान में रखते हुए दाेनाे ही मामले में राज्य महिला आयोग मुख्यालय में बुलाया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे