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प्योंगयांग, 13 जुलाई (हि.स.)। उत्तर कोरिया (डीपीआरके) और रूस ने द्विपक्षीय संबंधों को शाश्वत रणनीतिक साझेदारी में बदलने के अपने इरादे को दोहराया और एक-दूसरे को पूर्ण समर्थन देने का संकल्प लिया। यह संकल्प उत्तर कोरिया के पूर्वी तटीय शहर वॉनसान में आयोजित दूसरी रणनीतिक वार्ता के दौरान लिया गया। इसकी जानकारी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने रविवार को दी।
उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री चो सोन हुई और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच हुई इस वार्ता में दोनों पक्षों ने “उत्तर कोरिया-रूस संबंधों को तेजी से विकसित करने के तत्काल और व्यावहारिक मुद्दों” पर गहन चर्चा की।
संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश समग्र रणनीतिक साझेदारी की संधि की भावना और सभी अनुच्छेदों को निष्ठापूर्वक लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपने ऐतिहासिक संबंधों को स्थायी रणनीतिक संबंधों में बदलने का इरादा रखते हैं।
दोनों पक्षों ने संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय न्याय की रक्षा के लिए रणनीतिक संवाद और सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
बयान में कहा गया कि “रूसी पक्ष ने राज्य सुरक्षा और प्रभुत्व की रक्षा के लिए डीपीआरके के न्यायोचित प्रयासों का दृढ़ समर्थन व्यक्त किया।”
वहीं उत्तर कोरिया ने भी यूक्रेन संकट के मूल कारणों को समाप्त करने और रूस की राष्ट्रीय संप्रभुता व सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए उठाए गए उपायों का पूर्ण समर्थन जताया।
दोनों मंत्रियों ने माना कि मौजूदा जटिल अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर उनके विचार पूर्णतः समान हैं और उन्होंने वैश्विक गुटों द्वारा की जा रही वर्चस्ववादी और आक्रामक गतिविधियों के खिलाफ सतर्कता बढ़ाने पर सहमति जताई। उन्होंने यह भी निर्णय लिया कि ऐसे माहौल में दोनों देश आपसी रणनीतिक संवाद को और मजबूत करेंगे।
केसीएनए के अनुसार, शनिवार को उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने भी रूस के शीर्ष राजनयिक सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। लावरोव की यह यात्रा उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के आमंत्रण पर हुई थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय