Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कोलकाता, 13 जुलाई (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ और फर्जी मतदाताओं को लेकर राजनीति गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि ममता बनर्जी ने अब तक वह सूची क्यों नहीं सौंपी, जिसके बारे में उन्होंने 20 साल पहले लोकसभा में दावा किया था।
मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा है कि चार अगस्त 2005 को ममता बनर्जी ने संसद में कहा था कि ‘बंगाल में घुसपैठ अब एक आपदा बन चुकी है। मेरे पास बांग्लादेशी और भारतीय वोटरों की सूची है। यह बहुत गंभीर मामला है।’ लेकिन अब 20 साल बीतने के बाद भी उन्होंने वह सूची कभी पेश नहीं की। आखिर ममता बनर्जी क्या छिपा रही हैं?
इससे पहले, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी राज्य में फर्जी मतदाताओं की भारी संख्या को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के सीमावर्ती जिलों जैसे कूचबिहार, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना में जनसंख्या में अस्वाभाविक बढ़ोतरी घुसपैठ का संकेत देती है।उन्होंने कहा कि बंगाल की मतदाता सूची को बिहार की तरह साफ-सुथरा करने की जरूरत है। जिस तरह बिहार में विशेष पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है, वैसा ही अभियान बंगाल में भी शुरू किया जाना चाहिए, तृणमूल सरकार उन्हें शरणार्थी मानती है, लेकिन सच्चाई यह है कि वे घुसपैठिए हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में 24 जून को चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाताओं को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज़ जमा करने का निर्देश दिया था। इस निर्णय का तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया समाज के हाशिए पर खड़े लोगों को वोटिंग अधिकार से वंचित कर सकती है।
भाजपा के इन आरोपों से पश्चिम बंगाल की सियासत में एक बार फिर घुसपैठ, पहचान और मतदाता सूची की शुद्धता जैसे संवेदनशील मुद्दे केंद्र में आ गए हैं। आगामी चुनावों से पहले यह मामला राज्य की राजनीति में बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय