“समावेशी विकास के लिए ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देना” थीम पर नाबार्ड राजस्थान ने मनाया स्थापना दिवस
जयपुर, 11 जुलाई (हि.स.)। नाबार्ड राजस्थान क्षेत्रीय कार्यालय ने जयपुर में “समावेशी विकास के लिए ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देना” थीम पर आधारित नाबार्ड का 44वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर नाबार्ड राजस्थान क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक डॉ.
“समावेशी विकास के लिए ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देना” थीम पर नाबार्ड राजस्थान ने मनाया स्थापना दिवस


जयपुर, 11 जुलाई (हि.स.)। नाबार्ड राजस्थान क्षेत्रीय कार्यालय ने जयपुर में “समावेशी विकास के लिए ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देना” थीम पर आधारित नाबार्ड का 44वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर नाबार्ड राजस्थान क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. राजीव सिवाच और एसएलबीसी के महाप्रबंधक एम अनिल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

डॉ. राजीव सिवाच, मुख्य महाप्रबंधक ने अपने संबोधन में 1982 में नाबार्ड की स्थापना के बाद से इसकी यात्रा पर प्रकाश डाला और पुनर्वित्त सहायता, आधारभूत अवसंरचना विकास और संस्थागत सुदृढ़ीकरण के संयोजन के माध्यम से भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आकार देने में नाबार्ड की भूमिका पर जोर दिया। डॉ. सिवाच ने जलवायु-अनुकूल ग्रामीण आधारभूत अवसंरचना के विकास और एमएसएमई समूहों के महत्व को रेखांकित करते हुए डिजिटलीकरण, शासन सुधार और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया।

डॉ. सिवाच ने यह भी बताया कि वर्ष 2024-25 के दौरान, कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए विभिन्न गतिविधियों हेतु राज्य सरकारों/निगमों, अनुसूचित बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से राज्य में 22400.35 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। बैंकों को रु 17405 करोड़ की पुनर्वित्त सहायता प्रदान की गई जिसमें अल्पावधि के लिए 17070.92 करोड़ और दीर्घकालिक अवधि के लिए 333.82 करोड़ शामिल थे।

कार्यक्रम के एक मुख्य भाग के रूप में नाबार्ड और बैंक ऑफ बड़ौदा के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण ऋण वितरण को बढ़ाना था। समझौता ज्ञापन द्वारा स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), संयुक्त देयता समूहों (जेएलजी), किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), और किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) के लिए निर्बाध वित्तीय सहायता सुविधा प्रदान की जाएगी, जिससे जमीनी स्तर पर उद्यमिता और सामूहिक कृषि मॉडल को मजबूत किया जा सकेगा।

इस अवसर पर राजस्थान में नाबार्ड 2024-25 और इकाई लागत पुस्तिका 2025-26 भी लॉन्च की गईं।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश