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खंडवा, 10 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश के खंडवा में स्थित धूनी वाले दादाजी के दरबार में गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरुवार रात को मशाल जुलूस के दौरान कुछ समय के लिए अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान भगदड़ जैसे हालात बन गए। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद पुलिस ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया, जिससे बड़ी घटना होने से टल गई।
जानकारी के मुताबिक, धूनी वाले दादाज मंदिर परिसर से गुरुवार रात करीब 11 बजे मशाल जुलूस की शुरुआत हुई, जिसमें केवल उन श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया, जिनके हाथों में मशाल थी। यह जुलूस मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार (गेट नंबर-1) से निकाला गया। जुलूस में शामिल न हो पाने से अन्य श्रद्धालु नाराज हो गए और पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेडिंग को पार करने की कोशिश करने लगे। करीब 10 मिनट तक श्रद्धालु और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की होती रही। आखिरकार भीड़ ने बेरिकेडिंग तोड़ दी और दौड़ते हुए मंदिर परिसर की ओर बढ़ गई। सौभाग्यवश इस घटना में किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई।
प्रदेशभर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
गुरु पूर्णिमा के दिन प्रदेश के विभिन्न संत-समाधियों और आश्रमों में श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा देखने को मिला। उज्जैन के सांदीपनि आश्रम, सीहोर के कुबेरेश्वर धाम, छतरपुर के बागेश्वर धाम और खंडवा के दादाजी धाम में विशेष धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में शाम 6 बजे तक लगभग तीन लाख श्रद्धालु पहुंचे। वहीं, छतरपुर के बागेश्वर धाम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव एक दिन पहले ही आरंभ हो गया था। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने गुरुवार को बालाजी की पूजा कर शिष्यों से संवाद किया। भजन और सुंदरकांड पाठ भी आयोजित किए गए।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर