श्योपुर : गुरुपूर्णिमा पर गुरुधामों में लगे मेले, श्रद्धालुओं ने गुरुओं का लिया शुभाशीष
श्योपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर गुरु के प्रति श्रद्धा और समर्पण का गुरु पूर्णिमा पर्व गुरूवार को शहर सहित जिलेभर में श्रद्धा एवं भक्तिभाव के साथ मनाया गया। मंदिर, देवालय, आश्रम व मठों में सैकड़ों शिष्यों ने अपने-अपने गुरुओं को नमन
गुरुपूर्णिमा पर मेवाडा गांव के पीर का मजार पर लगा


शहर के जती घाट पर दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालु।


श्योपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर गुरु के प्रति श्रद्धा और समर्पण का गुरु पूर्णिमा पर्व गुरूवार को शहर सहित जिलेभर में श्रद्धा एवं भक्तिभाव के साथ मनाया गया। मंदिर, देवालय, आश्रम व मठों में सैकड़ों शिष्यों ने अपने-अपने गुरुओं को नमन किया। दिवंगत गुरु की चरण पादुकाओं का पूजन कर भेंट समर्पित की। सुबह से हवन पूजन के आयोजन शुरु हो गए। शिष्यों ने गुरुओं से आशीर्वाद लिया। जगह-जगह भंडारों आयोजित किए गए जिसमें प्रसादी पाने के लिए शाम 4 बजे तक भक्तों की लंबी-लंबी पंगतें लगीं।

शहर के जती घाट स्थित मधुवन आश्रम पर शहर सहित दूर-दूर से शिष्यों का तांता लगा संत मधुवनदास महाराज के समाधि परिसर में हवन किया। पूर्णाहुति के बाद संत की आदमकद प्रतिमा का सामूहिक रूप से पूजन किया गया। मधुवन सेवा समिति की ओर से भंडारे का आयोजन किया गया। वहीं शहर के राम जानकी मंदिर पर महंत रामभरोसे महाराज के शिष्यों ने गुरु महाराज का पूजन किया। चंद्रपुरा में राधावल्लभ समुदाय सदस्यों ने आश्रम पहुंचकर चरण पादुका पूजन कर गुरु महाराज का शुभाशीष प्राप्त किया। वहीं जाटखेड़ा स्थित हनुमान मंदिर में महंत लखन दास त्यागी के सान्निध्य में न्यास मंडल द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।गायत्री शक्तिपीठ पर पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ संपन्न हुआ, जिसमें दीक्षा, नामकरण, यज्ञोपवीत और पुंसवन जैसे वैदिक संस्कार विधिपूर्वक कराए गए। यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद सभी श्रद्धालुओं ने भंडारे में प्रसाद पाया।

मेवाडा में पीर बाबा को लगाया चूरमा बाटी का भोग: गुरुपूर्णिमा पर मेवाड़ा में गांव ने पीर बाबा को गुरु मान की चादरपोशी जिला मुख्यालय से 23 किमी दूर स्थित मेवाड़ा गांव में गुरुपूर्णिमा पर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल दिखाई दी। यहां पूरे गांव के लोग पीर बाबा को अपना गुरु मानकर पूजते हैं। गुरूवार की सुबह ग्रामवासियों की ओर से पीर बाबा की दरगाह पर चादरपोशी की गई। दरगाह पर एक दिवसीय धार्मिक मेला लगाया गया। जिसमें बहरावदा, मालियों का टपरा, टेहला व जमूदी से भी श्रद्धालु शामिल हुए। मेवाड़ा गांव में चाहे हिंदू हो या मुसलमान सभी घरों में चूरमा बाटी बनाकर पीर बाबा को भोग लगाया। खास बात ये है कि गुरु पूर्णिमा के असवर पर मेवाडा गांव में हर से एक व्यक्ति सीप नदी ने कनक दंडवत करते हुए पीर बाबार की मजार पर पहुंचते हैं।

यहां हुए भंडारे: गुरूपूर्णिमा के अवसर पर शहर के सीप नदी किनारे स्थित जती घाट, किला स्थित रामजानकी मंदिर, श्री गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, ढेंगदा स्थित आसाराम गौशाला, नकचा बालाजी मंदिर, मोती कुई, नोलक्खा हनुमान मंदिर, चतरदास जी का टीला, गायत्री शक्ति पीठ, जाटखेड़ा हनुमान मंदिर, गीता सत्संग भवन, के अलावा जिले के विजयपुर में सिद्धबाबा, बंधपुरा में शांतिपुरी, पठार धूनी, सिरोनी हनुमान मंदिर, देवरी हनुमान मंदिर और गुरुनावदा धूनी पर गुरुपूर्णिमा उत्सवो का आयोजन किया गया और भंडारे आयोजित किए गए। इसके अलावा विजयपुर, बड़ौदा, कराहल, बीरपुर, मानपुर, सोंई, रघुनाथपुर, दांतरदा, ढोढर सहित अन्य गांवों और कस्बों के धार्मिकस्थलों पर गुरूपूर्णिमा उत्सव की धूम रही।

हिन्दुस्थान समाचार / शरद शर्मा