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शिमला, 10 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में शहरी निकाय (यूएलबी) चुनावों को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है। सरकार ने आरक्षण रोस्टर के कार्यान्वयन को फिलहाल टालने का फैसला किया है। शहरी विकास विभाग की ओर से सभी उपायुक्तों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मतदाताओं की सही संख्या का ताजा आंकड़ा अभी उपलब्ध नहीं है। इसका कारण जनगणना में देरी बताया गया है।
पत्र में साफ कहा गया है कि जब तक नई जनगणना के आधार पर अद्यतन आंकड़े उपलब्ध नहीं हो जाते, तब तक निकाय चुनावों के लिए आरक्षण रोस्टर जारी या लागू नहीं किया जाएगा। यानी शहरी निकाय चुनावों में सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया तब तक स्थगित रहेगी, जब तक आधिकारिक रूप से नया जनगणना डेटा जारी नहीं हो जाता।
विशेष सचिव (शहरी विकास) सौरभ जस्सल द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में सभी उपायुक्तों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि जब तक नया डेटा नहीं आ जाता, तब तक आरक्षण प्रक्रिया आगे न बढ़े।
इस निर्णय का असर प्रदेश के लगभग सभी जिलों पर पड़ेगा, हालांकि लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों को इससे फिलहाल बाहर रखा गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा