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जबलपुर, 10 जुलाई (हि.स.) हाईकोर्ट ने एनआईए द्वारा भोपाल से पकड़े गए प्रतिबंधित बांग्लादेशी संगठन के सदस्य शाहवान खान की जमानत रद्द कर दी है। विदिशा जिले के हैदरगढ़ में रहने वाले शाहवान खान की ओर से जमानत अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी। जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, कि आरोपी पर प्रथम दृष्टया देश विरोधी गतिविधियों के गंभीरआरोप लगे हैं और यह समय जमानत देने के लिए उपयुक्त नहीं है।
सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से अधिवक्ता दीपेश जोशी व अधिवक्ता कासिम अली ने बुधवार को पक्ष रखा। सुनवाई के बाद दिए फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि चूंकि ट्रायल अभी लंबित है और पक्षकारों को सबूत पेश करने का मौका मिलेगा, इसलिए इस स्टेज पर आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। इस मत के साथ बेंच ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि भोपाल एटीएस को जानकारी मिली थी कि भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र में फातिमा मस्जिद के पास प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन से जुड़े कुछ बांग्लादेशी नागरिक रुके हुए हैं और भारत में रहकर अपने प्रतिबंधित संगठन की विचारधारा का प्रचार कर रहे हैं। जांच के दौरान चार बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया था, जिनके पास से जिहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, फर्जी दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। उन्हीं की स्वीकारोक्ति के आधार पर शाहवान खान की गिरफ्तारी 13 मार्च 2022 को हुई थी। भोपाल की जिला सत्र न्यायालय से जमानत का लाभ न मिलने पर यह अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक