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शिमला, 10 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला में रामपुर के सेशन कोर्ट को ई-मेल के जरिये बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में रामपुर पुलिस थाना में भारतीय न्याय संहिता की धारा 351(3) और 353(1)(बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह धमकी किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बीते बुधवार को ई-मेल से भेजी गई थी। इसमें सेशन कोर्ट को निशाना बनाने की बात कही गई थी।
इसी बीच हिमाचल प्रदेश में हाल के महीनों में लगातार मिल रही ऐसी धमकियों के सिलसिले में पुलिस और साइबर सेल की तफ्तीश ने बड़ी सफलता हासिल की है। साइबर सेल के इनपुट पर कार्रवाई करते हुए केरल पुलिस ने एक आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। हिमाचल पुलिस आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने के लिए केरल पुलिस से प्रोडक्शन वारंट की प्रक्रिया पूरी कर रही है।
हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक तिवारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में राज्य में ऐसी 8–10 धमकियां मिल चुकी हैं, जिनमें कुल्लू और शिमला जिलों में भी मामले दर्ज हैं और जांच जारी है। उन्होंने बताया कि धमकी भरे ई-मेल भेजने के पहले के मामलों में भी पुलिस और साइबर टीमें कई राज्यों में दबिश दे चुकी हैं।
डीजीपी ने कहा कि हिमाचल पुलिस प्रदेशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह सतर्क और प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि गत 9 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सिविल अदालत परिसरों और एक शैक्षणिक संस्थान को भी बम से उड़ाने की धमकी वाले ई-मेल प्राप्त हुए। इन ई-मेल में शिमला, सिरमौर, नाहन, चंबा, कुल्लू और किन्नौर के न्यायालय परिसरों के अलावा सोलन जिले के सनावर स्कूल सहित कई स्थानों पर आरडीएक्स आधारित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगाए जाने का दावा किया गया था।
धमकी मिलने के तुरंत बाद संबंधित जिला पुलिस प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए सभी परिसरों को खाली करवाया और अदालतों में कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। सुरक्षा के मद्देनज़र बम निरोधक दस्ते और खोजी कुत्तों की टीमें मौके पर भेजी गईं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में व्यापक तलाशी अभियान भी चलाया गया। तलाशी के दौरान कहीं भी कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई।
डीजीपी अशोक तिवारी ने कहा कि पुलिस पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ इन मामलों की जांच कर रही है ताकि किसी भी साजिश को समय रहते नाकाम किया जा सके और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
पुलिस के अनुसार इस तरह की धमकियों के पीछे असामाजिक तत्वों का हाथ हो सकता है जो समाज में भय का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा