सीमावर्ती निवासी केवल युद्ध के समय की सहानुभूति के नहीं, शांति के समय के समर्थन के भी पात्र हैं- डॉ. शहजाद
जम्मू, 10 जुलाई (हि.स.)। डॉ. मलिक ने सीमा क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बीएडीए) जैसी एक अलग संस्था स्थापित करने के लिए अपने संगठन के लंबे समय से लंबित अनुरोध को भी दोहराया जो विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जरूरतों की देखभाल कर सके
सीमावर्ती निवासी केवल युद्ध के समय की सहानुभूति के नहीं, शांति के समय के समर्थन के भी पात्र हैं- डॉ. शहजाद


जम्मू, 10 जुलाई (हि.स.)। डॉ. मलिक ने सीमा क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बीएडीए) जैसी एक अलग संस्था स्थापित करने के लिए अपने संगठन के लंबे समय से लंबित अनुरोध को भी दोहराया जो विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जरूरतों की देखभाल कर सके। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों की समस्याएं अन्य क्षेत्रों से भिन्न हैं।

इन स्थानों को विशेष योजना की आवश्यकता है यही कारण है कि जम्मू और कश्मीर में सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास की देखभाल के लिए एक समर्पित प्राधिकरण की सख्त आवश्यकता है। जिसमें नागरिक और गैर-नागरिक दोनों विभागों के अधिकारी और विशेषज्ञ विकास नीति तैयार करने और उनके कार्यान्वयन के लिए हाथ मिलाएँ।

डॉ. मलिक ने सीमा क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बीएडीए) जैसी एक अलग संस्था स्थापित करने के लिए अपने संगठन के लंबे समय से लंबित अनुरोध को भी दोहराया जो विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जरूरतों की देखभाल कर सके। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों की समस्याएं अन्य क्षेत्रों से भिन्न हैं।

इन स्थानों को विशेष योजना की आवश्यकता है यही कारण है कि जम्मू और कश्मीर में सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास की देखभाल के लिए एक समर्पित प्राधिकरण की सख्त आवश्यकता है जिसमें नागरिक और गैर-नागरिक दोनों विभागों के अधिकारी और विशेषज्ञ विकास नीति तैयार करने और उनके कार्यान्वयन के लिए हाथ मिलाएँ।

हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता