बरानगर से बैरकपुर तक मेट्रो रूट को मिली रफ्तार, दस स्टेशनों वाला यह प्रोजेक्ट अब बनेगा हकीकत
बैरकपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। बरसों की देरी और प्रशासनिक अड़चनों के बाद बरानगर से बैरकपुर तक के मेट्रो परियोजना को लेकर एक बार फिर सक्रियता देखी जा रही है। लगभग 13 किलोमीटर लंबे इस प्रस्तावित मेट्रो रूट पर कुल दस स्टेशन होंगे। रेलवे सूत्रों के अनुसार
बैरकपुर मेट्रो परियोजना की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ली


बैरकपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। बरसों की देरी और प्रशासनिक अड़चनों के बाद बरानगर से बैरकपुर तक के मेट्रो परियोजना को लेकर एक बार फिर सक्रियता देखी जा रही है। लगभग 13 किलोमीटर लंबे इस प्रस्तावित मेट्रो रूट पर कुल दस स्टेशन होंगे।

रेलवे सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन के बीच हालिया बैठक के बाद इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को आगे बढ़ाने की दिशा में ठोस पहल शुरू हो चुकी है।

इस रूट पर प्रस्तावित स्टेशनों में शामिल हैं -कमारहाटी, आगरपाड़ा, सोदपुर, पानिहाटी, सुभाषनगर, खरदा, टाटा गेट, टिटागढ़, तालपुकुर और बैरकपुर।

यह रूट बी.टी. रोड के समानांतर होकर गुजरेगा, जिससे उत्तर उपनगरों और कोलकाता के बीच आवाजाही अधिक सुगम हो सकेगी।

गौरतलब है कि 2010 में इस मेट्रो परियोजना की घोषणा की गई थी और इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 2069 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई थी। लेकिन टाला टैंक की दो सौ साल पुरानी जल आपूर्ति पाइपलाइन को नहीं हटाए जाने के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया। यह पाइपलाइन बी.टी. रोड के नीचे से गुजरती है और इसे हटाना या सुरक्षित रखना बेहद चुनौतीपूर्ण और खर्चीला कार्य है।

कोलकाता नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन पाइपलाइनों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए ही मेट्रो परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्नत तकनीक की मदद से बिना सड़क खोदे सुरंग निर्माण का विकल्प तलाशा जा रहा है।

रेलवे बोर्ड ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर देरी पर चिंता जताई थी। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस परियोजना की प्रगति को लेकर रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद से केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर प्रशासनिक सक्रियता तेज़ हो गई है।

इस मेट्रो रूट के चालू होने से बैरकपुर से कोलकाता आने-जाने वाले लाखों यात्रियों को फायदा मिलेगा। यह सफर न सिर्फ तेज और आरामदायक होगा, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभकारी सिद्ध होगा

कोलकाता नगर निगम, रेलवे विकास निगम और परिवहन विभाग इस परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए समन्वय बना रहे हैं। अगर सब कुछ योजना अनुसार चला, तो जल्द ही इस रूट पर निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय