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खरगोन, 10 जुलाई (हि.स.)। गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पांय.., गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंद, गुरु मेरा पार ब्रह्म..., गुरु अमृत है जगत में, बाकी सब विषबेल, सतगुरु संत अनंत हैं, प्रभु से कर दें मेल...। जैसे भजनों और दोहों के भावों को लेकर गुरु के प्रति शिष्यों की अटूट आस्था का पर्व गुरु पूर्णिमा जिलेभर में श्रद्धा- भक्ति के साथ मनाया गया। सुबह से देरशाम तक गुरुगादियों, मठों, मंदिरों, आश्रमों में भक्तों ने पहुंचकर गुरुओं के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। गुरुओं ने भी आशीर्वाद स्वरुप गुरुमंत्र देकर भक्तों को सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
दरअसल, आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर जिलेभर में गुरुपूर्णिमा पर गुरुपूजन का दौर चला, भजन-कीर्तन, पूजन-अर्चन ओर भंडारों से समूचा वातावरण धर्ममय बना रहा। कहीं गुरू पूजन और कहीं पाद पूजन कर श्रद्धालुओं ने गुरू का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर शहर से पांच किमी दूर कसरावद रोड़ पर श्रीश्री 1008 पूर्णानंदजी बाबा की तपोस्थली इंद्रटेकड़ी पर गुरूभक्तों का सैलाब सुबह से ही दर्शनार्थ उमड़ पड़ा था। हजारों की संख्या में लोग कतारबद्ध होकर दर्शन पाने का इंतजार करते रहे। सुबह से रात तक लगभग दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। इस दौरान यहां मेले सा माहौल रहा।
सियाराम बाबा भक्त मंडल ने बांटी खिचड़ी महाप्रसादी
शहर के बस स्टेंड क्षेत्र में सियाराम बाबा मित्र मंडल ने 251 किलो दाल- चावल से बनी खिचड़ी की महाप्रसादी भक्तों के बीच वितरित की। मंडल के तिलोक सोनी उर्फ टिल्लू बाबा, मनोज सोनी ने बताया कि दोपहर 12 बजे ब्रह्मलीन संतश्री सियाराम बाबा, श्री खाटूश्याम को भोग लगाने के बाद भक्तों में खिचड़ी महाप्रसादी वितरण शुरु किया गया। यहां देररात तक प्रसादी वितरित की गई। दिलीप पालीवाल, प्रवीण बार्चे, ऋतुराज सोनी, दीपराज सोनी, शुभम सोनी ने सेवाएं दीं।
उल्लेखनीय है कि जिले में नर्मदा तट स्थित ग्राम भट्याण में ब्रह्मलीन संतश्री सियाराम बाबा के चरण पादूका दर्शन के लिए भी हजारों भक्त आश्रम पहुंचे। शहर के कुंदा तट स्थित छोटा शिर्डी धाम श्री सांई मंदिर में भी गुरुपर्व उत्सव के रुप में मनाया गया। पंडित ललित अत्रे ने बताया कि सुबह अभिषेक, श्रृंगार हुआ। जिसके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे। दोपहर में भोजन आरती के बाद खिचडी, भजिये और नुक्ती की महाप्रसादी का वितरण किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्र शेखर कर्म