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नैनीताल, 01 जुलाई (हि.स.)। हाई कोर्ट ने हरिद्वार के थाना मंगलौर में दो पक्षों के बीच हुए भूमि विवाद के दौरान एक व्यक्ति की मौत और सात लोगों के घायल होने के मामले में आरोपितों की जमातन प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद एसएसपी हरिद्वार एवं दोनों जांच अधिकारियों को वीसी के माध्यम से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी वीसी के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए एक ने कहा कि उन्होंने सबूतों के आधार पर चार्जशीट दायर की है, जबकि दूसरे जांच अधिकारी ने कहा कि उनकी ओर से एफआर लगा दी गई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि घटना के दौरान एक व्यक्ति की मौत एवं अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, तब एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की कई सवालों के जवाब के लिए कोर्ट ने एसएसपी हरिद्वार को वीसी के माध्यम से पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है। मामले के अनुसार हरिद्वार के मंगलौर थाने में 23 सितंबर 2024 को मृतक आजाद के परिजनों की ओर से शिकायत दर्ज कर कहा था कि आजाद और गांव के रहने वाले जोगिंदर के बीच भूमि विवाद चल रहा था। जब आजाद अपने खेत में पापुलर के पेड़ों को पानी देने जा रहा था, तो जोगिंदर और उसके कई अन्य साथी धारदार हथियार के साथ वहां खड़े हुए थे। उन्होंने आजाद के साथ हाथापाई की और कुल्हाड़ी से उसके सिर पर वार किया। जिसके बाद आजाद की मौत हो गई थी कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जब इसकी शिकायत थाने में की गई तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। उसके बाद उन्होंने मजिस्ट्रेट के यहां मुदकमा दर्ज करने का प्रार्थना पत्र दिया तब उनके खिलाफ मुकदता दर्ज हुआ।
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हिन्दुस्थान समाचार / लता