मूसलाधार बारिश से गांव व शहर के अनेक क्षेत्र हुये जलमग्न, जंगल की नदियां उफान पर
- बीटीआई, जिला शिक्षा कार्यालय परिसर में गंदे पानी का उमड़ा सेलाव
मूसलाधार बारिश से गांव व शहर के अनेक क्षेत्र हुये जलमग्न, जंगल की नदियां उफान पर


मूसलाधार बारिश से गांव व शहर के अनेक क्षेत्र हुये जलमग्न, जंगल की नदियां उफान पर


मुरैना, 1 जुलाई (हि.स.)। अंचल में मानसून सक्रिय हो गया है। बीती रात हुई मूसलाधार बारिश ने शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के भी कई हिस्सों को जलमग्न कर दिया। दूरस्थ अंचल में जंगल की अनेक मौसमी नदियां सोन, बांसुरई, क्वारी उफान दे रही हैं। इससे दर्जनों गांव का रास्ता भी अवरुद्ध हो गया है। वहीं शहर के कई क्षेत्र जलमग्न हो जाने से लोग रात से ही सुरक्षा के लिए जाग रहे हैं। सबसे अधिक विषम परिस्थिति शिक्षा परिषर की हुई है। यहां संचालित बीटीआई यानी कि शासकीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान महाविद्यालय तथा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के साथ अमर शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल का मंदिर के चहुंओर गंदे पानी का सेलाव दिखाई दे रहा है। बीटीआई परिषर के लगभग एक दर्जन आवास में पानी आ जाने के कारण लोगों को बैठने का स्थान भी नसीब नहीं हो पा रहा था। रात से ही लोग पानी से बचाव के उपाय कर रहे हैं। इस शिक्षा परिसर में आने वाले कर्मचारी सुबह 1 से 2 फुट पानी में से निकलकर कार्यालय तक पहुंचे। इनमें से कई लोगों के वाहन बंद होने से परेशान दिखाई दिए। वहीं जिला शिक्षा कार्यालय में दूरस्थ अंचलों से आने वाले लोग भी परेशान दिखाई दिये। गंदे पानी के कारण कार्यालय का संचालन सुचारु रूप से नहीं हो पा रहा है। सूरज उगने से पहले ही अपने घरों से चले लोग अपने छोटे-छोटे कार्यों के प्रति आशान्वित दिखाई नहीं दिये, क्योंकि कार्यालय में अधिकारी कर्मचारी पूरी तरह नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिनके घरों में पानी घुस गया है वह लोग कीड़े अन्य जंतुओं के साथ-साथ संभावित विद्युत करंट से भयभीत दिखाई दे रहे हैं। निवास के सभी कमरों सहित रसोई व बाथरूम में गंदे नाले का पानी घुस गया। इससे सभीजन की दैनिक क्रियाऐं अस्त-व्यस्त हो गई।

लोगों का कहना था कि बीटीआई परिसर में वर्षाकाल के दौरान यही स्थिति दिखाई देती है। इसका स्थाई निराकरण नहीं हो पाया है। वहीं गंदे नाली का पानी दुकानों में घुस जाने से बीटीआई कैंपस के बाहर निर्मित लगभग एक दर्जन दुकानदारों को लाखों रुपए का नुकसान हो गया है। वहीं मैकेनिकों को भी अपना काम करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों द्वारा नगर निगम व अन्य विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को मौखिक सूचना दी है। संभवत इस गंदे पानी की समस्या से उन्हें तीन से चार दिन तक सामना करना पड़ सकता है।

इस संबंध में गृहणी संगीता दीक्षित का कहना है कि रात तेज बारिश के कारण नाले का गंदा पानी घर में घुस गया, जिससे रात 2 बजे से ही सामान व अपनी सुरक्षा के लिये जाग रहे हैं। रसोई का सामान गंदे पानी से दूषित हो रहा है। नगर निगम द्वारा सुनवाई नहीं की जा रही है।

कर्मचारी शिक्षा विभाग मुरैना विनोद सिंह कुशवाहा का कहना है कि आज ऑफिस आने पर देखा की पूरे परिसर में पानी भर गया है, हाइवे से कार्यालय तक जाने के प्रयास में दुपहिया वाहन खराब हो गया। पूरे परिसर में 1 से 2 फुट गंदा पानी भरा हुआ है। जिससे कार्यालय जाने में परेशानी हो रही है।

मुरैना सबलगढ़ जिला ग्रामीण निवासी गांव बनवारा का कहना है कि अपने बालक का प्रवेश दूसरे स्कूल में कराने के लिये टीसी पर शिक्षा अधिकारी के दस्तखत कराने के लिये लगभग 100 किलोमीटर दूर बनवारा गांव से मंगलवार सुबह 6 बजे चलकर जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में आया हूं। यहां पानी भरा होने के कारण कार्यालय में कम कर्मचारी आये है।

जिला पंचायत अध्यक्ष के बंगले में भरा पानी

मूसलाधार बारिश का प्रभाव अति विशिष्ट क्षेत्रों में भी देखा गया। कमिश्नरी कॉलोनी में स्थित जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती आरती गुर्जर के बंगले में भी पानी भर गया। हालांत यह थे कि उनका वाहन गंदे पानी में खड़ा हुआ था। इस कारण उनके परिवार का कोई भी सदस्य बंगले से आवास परिसर तथा बाहर नहीं निकल पा रहे थे, हालांकि अध्यक्ष परिजनों द्वारा नगर निगम अधिकारियों को पानी निकालने के लिये अवगत कराया था।

जंगल की नदियां उफनी, दर्जनों गांवों का रास्ता बंद

जिला मुख्यालय पर बीती रात 10 बजे से आरंभ हुई बारिश ने रात 12 बजे तेज गति पकड़ ली। लगभग 4 घंटे तक जिले भर में हुई मूसलाधार बारिश के कारण सबलगढ़, कैलारस क्षेत्र की प्रमुख नदी क्वारी, सोन, बांसुरई उफान पर हैं। बांसुरई नदी के उफान पर आने से बेरखेड़ा का रास्ता बंद हो गया है। वहीं बातेड़ रपटा पर क्वारी नदी का पानी आने से क्षेत्र के एक दर्जन गांव का रास्ता बंद हो गया हैं। इनमें बातेड़, बंगा, जोनसिल, भूरापुरा, पचनयो, काठोन सहित अन्य गांव शामिल हैं।

पहली बार एक बार में हुई 185 एमएम बारिश

मूसलाधार बारिश ने बीते 43 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। एक दिन में एक ही बार में 185 एमएम बारिश होना एक बड़ा रिकार्ड है, इससे पूर्व वर्ष 2021-22 में 150 से 160 एमएम बारिश कई बार हुई है। इस वर्षा ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। वर्षा का यह रूप आज 1 व कल 2 जुलाई सहित 4 जुलाई को भी देखने का मिल सकता है।

राष्ट्रीय मौसम विभाग ने उपरोक्त 3 दिन अत्यधिक वर्षा की संभावना जिले में व्यक्त की है। इतनी अधिक वर्षा के बावजूद भी न्यूनतम तापमान पर भी कोई प्रभाव नहीं देखा गया है। विगत दिवस की

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हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा