फर्जी पुलिस गैंग का पर्दाफाश, आठ लुटेरे गिरफ्तार
नई दिल्ली, 1 जुलाई (हि.स.)। पूर्वी जिले की स्पेशल स्टाफ ने एक ऐसे शातिर गैंग का पर्दाफाश किया है, जो पुलिसकर्मियों का रूप धारण करके लूटपाट किया करता था। इस मामले में कुल आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से लूटे गए पैसे,
फर्जी पुलिस गैंग के आरोपितों की फोटो


नई दिल्ली, 1 जुलाई (हि.स.)। पूर्वी जिले की स्पेशल स्टाफ ने एक ऐसे शातिर गैंग का पर्दाफाश किया है, जो पुलिसकर्मियों का रूप धारण करके लूटपाट किया करता था। इस मामले में कुल आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से लूटे गए पैसे, मोबाइल फोन, लैपटॉप और अपराध में इस्तेमाल की गई गाड़ियों को बरामद किया है।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार पकड़े गए आरोपितों की पहचान शास्त्री पार्क निवासी हनी कुमार (31), रोहिणी निवासी सन्नी शर्मा (28), कराला निवासी अंकित जैन (32), पीतमपुरा निवासी विक्रम सिंह (35), करावल नगर निवासी राहुल गुप्ता (27), रोहिणी निवासी राहुल यादव (27), रामा विहार निवासी अनिल कांत (33) और रामा विहार निवासी

जीतपाल (42) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से दो कारए एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन दस हजार रुपये बरामद किए है।

पुलिस के अनुसार, 26 जून को लक्ष्मी नगर इलाके में एक इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफिस में चार अपराधी खुद को दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ का अधिकारी बताकर कार्यालय में घुसेे। उन्होंने कार्यालय के मालिक सलमान से मोबाइल फोन और लैपटॉप छीनकर उसे एक हुंडई वेन्यू कार में जबरन बैठाकर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। इसके बाद आरोपित 1.5 लाख की लूट की। जिसमें से 70 हजार एक बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए गए। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।

सीसीटीवी और तकनीकी निगरानी से हुई गिरफ्तारी

पुलिस ने जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी निगरानी का सहारा लिया। जिसके बाद आरोपितों की पहचान की गई। इसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 28 जून की रात को पांच आरोपितों को नोएडा लिंक रोड से गिरफ्तार किया। इन आरोपितों के पास से हुंडई कार बरामद हुई। जिसका उपयोग अपराध में किया गया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार पकड़े गए आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस तीन अन्य आरोपितों को दबोचा।

गैंग के मास्टरमाइंड का खुलासा

पूछताछ में यह पता चला कि गैंग का मास्टरमाइंड हनी कुमार है। यह पहले शिकायतकर्ता का कर्मचारी था। आरोपित ने व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते इस लूट की योजना बनाई। हनी कुमार ने सन्नी शर्मा को अंदरूनी जानकारी दी और फिर उसने अपने अन्य साथियों को लूट में शामिल किया। आरोपित सन्नी शर्मा पहले भी एक साइबर धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। वहीं

इस मामले में आरोपित अंकित जैन का भी नाम सामने आया है, जो पहले भी दो अन्य आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गैंग पैसों की लूट के लिए पुलिस अधिकारियों का रूप धारण करता था ताकि आम नागरिकों को ज्यादा शक न हो और वे आसानी से उनका शिकार बन सकें।

सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने दी नागरिकों को अहम सलाह

इस घटना के बाद पुलिस विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी व्यक्ति द्वारा पुलिस होने का दावा करने पर सतर्क रहें। विशेष रूप से जब वे ऑफिस या घरों में हो। पुलिस ने कहा कि लोग किसी भी अवैध मांग या धमकी के सामने न झुकें और आधिकारिक पहचान पत्र जरूर मांगें। इसके साथ ही उन्होंने सभी से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी