जोशी की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान कोर्ट ने आईओ से किया सवाल, ईडी ने जवाब के लिए मांगा समय
कोर्ट


जयपुर, 5 जून (हि.स.)। ईडी मामलों की विशेष अदालत ने जल जीवन मिशन में घोटाले से जुडे मामले में पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान जांच अधिकारी से प्रकरण के अनुसंधान को लेकर कुछ सवाल किए। इसका जवाब देने के लिए जांच अधिकारी ने अदालत से समय मांगा। इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 13 जून को तय की है।

सुनवाई के दौरान पीठासीन अधिकारी खगेन्द्र कुमार शर्मा ने ईडी के जांच अधिकारी से गवाहों के बयानों की वीडियोग्राफी नहीं करने का कारण पूछा। वहीं पीठासीन अधिकारी ने प्रकरण में अन्य लोगों की गिरफ्तारी और गवाहों को लेकर भी जांच अधिकारी से सवाल किए। इस पर जांच अधिकारी ने रिकॉर्ड देखकर जवाब देने का कहते हुए अदालत से समय मांगा। इसका विरोध करते हुए जोशी के अधिवक्ता वीआर बाजवा ने कहा कि ईडी अनावश्यक समय लेकर उन्हें अधिक समय तक न्यायिक अभिरक्षा में रखना चाहती है। इस पर अदालत ने ईडी को जवाब के लिए 13 जून तक का समय दिया है।

महेश जोशी की ओर से अधिवक्ता बाजवा ने कहा कि मामले में गवाह बनाए गए अभियंता ने बयान दिए हैं कि उन्होंने निजी ठेकेदारों से रिश्वत ली थी, तो फिर उसे आरोपित क्यों नहीं बनाया गया। दूसरी ओर मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गवाहों की वीडियोग्राफी के निर्देश होने के बावजूद भी ईडी ने वीडियोग्राफी नहीं कराई। दूसरी ओर उसे नोटिस देने के एक साल तक कार्रवाई नहीं करने के बाद अचानक उन्हें गिरफ्तार किया गया। इससे पूर्व ईडी की ओर से अधिवक्ता अजातशत्रु मीणा ने कहा कि मामले से जुडे सह आरोपितों के बयान में आया है कि जोशी तक रिश्वत राशि पहुंचाई जाती थी। वहीं आरोपितों की फर्म से जोशी के बेटे की फर्म को भी लाखों रुपए का भुगतान किया गया था। अभियोजन पक्ष के पास जोशी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है। ऐसे में यदि उन्हें जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। गौरतलब है कि जल जीवन मिशन घोटाले में मामला दर्ज होने के बाद ईडी ने महेश जोशी को गिरफ्तार किया था। इस दौरान जोशी की पत्नी के निधन होने के चलते कोर्ट ने उन्हें दो बार अंतरिम जमानत दी थी।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / पारीक