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शिमला, 04 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में ओपीडी पर्ची के लिए 10 रुपये का परामर्श शुल्क लागू करने के फैसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने बुधवार को इस निर्णय को जनता विरोधी और तानाशाही करार देते हुए कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला।
त्रिलोक कपूर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में चल रही सरकार अब “शुल्क वाली सरकार” बन चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार जनता की परेशानियों को नज़रअंदाज़ कर रही है और लगातार ऐसे फैसले थोप रही है, जो आम आदमी के हित में नहीं हैं। “कभी जीएसटी बढ़ाकर डीजल महंगा किया गया, फिर पानी, बिजली और यातायात पर बोझ डाला गया। अब जो मरीज सरकारी अस्पताल में इलाज कराने जा रहा है, उससे भी 10 रुपये लिए जाएंगे। यह कैसी ‘सुख की सरकार’ है?” कृ उन्होंने सवाल उठाया।
त्रिलोक कपूर ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 5000 मरीज सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में इलाज करवाते हैं। इस हिसाब से प्रतिमाह 1.5 लाख और साल भर में लगभग 18 लाख रुपये की वसूली होगी। उन्होंने इस वसूली को आम जनता की जेब पर सीधा हमला बताया।
कपूर ने पूर्व भाजपा सरकार की उपलब्धियों की याद दिलाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजना के ज़रिए लाखों लोगों को मुफ्त इलाज और 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर दिया गया। उन्होंने कहा कि हमने कभी मरीजों से ओपीडी शुल्क लेने की बात नहीं की, बल्कि उनके इलाज को आसान और सुलभ बनाने की दिशा में काम किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा