हिमाचल में कोविड को लेकर अलर्ट जारी, अस्पतालों में मास्क अनिवार्य, आईजीएमसी में 150 ऑक्सीजन बेड तैयार
आइजीएमसी अस्पताल


शिमला, 04 जून (हि.स.)। देशभर में एक बार फिर से कोविड-19 संक्रमण के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है और इसका असर अब हिमाचल प्रदेश में भी नजर आने लगा है। राज्य में एक नया कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतते हुए प्रदेशभर में कोविड अलर्ट जारी कर दिया है। इसके तहत सभी सरकारी अस्पताल परिसरों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि मरीजों के साथ अस्पतालों में आने वाले तीमारदारों को भी मास्क लगाना जरूरी होगा। खास तौर पर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। विभाग ने कहा है कि ये सभी वर्ग संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं, इसलिए इन्हें विशेष रूप से मास्क का प्रयोग करना चाहिए।

एडवाइजरी में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अस्पतालों के अलावा सार्वजनिक स्थलों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए, ताकि संक्रमण की श्रृंखला को समय रहते तोड़ा जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों और अस्पतालों के अधीक्षकों को अलर्ट पर रहने और स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।

आईजीएमसी में विशेष प्रबंध

कोविड संक्रमण की आशंका को देखते हुए प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में विशेष तैयारियां की गई हैं। अस्पताल प्रशासन ने 150 ऑक्सीजन युक्त बेड वाले मेकशिफ्ट कोविड वार्ड को पूरी तरह से तैयार कर लिया है। आईजीएमसी के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रवीण एस. भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के तहत अस्पताल में सभी जरूरी प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि अस्पताल में कोविड जांच की किट, दवाएं और मेडिकल स्टाफ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। चिकित्सकों की टीमें 24 घंटे ड्यूटी पर हैं। जिन मरीजों को खांसी, बुखार, जुकाम जैसे लक्षण महसूस हों, वे तुरंत अस्पताल आएं। समय रहते इलाज से संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।

पिछले सप्ताह स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट की कार्यशीलता की जांच, टेस्टिंग किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने और आईसीयू सुविधाओं को दुरुस्त करने के आदेश जारी किए थे। इसके साथ ही सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में निगरानी प्रणाली को सक्रिय कर दिया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा