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जबलपुर, 26 जून (हि.स.)। पनागर विधानसभा के भाजपा विधायक सुशील तिवारी इंदु ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का परिवाद दायर किया है। उनका आरोप है कि दिग्विजय सिंह ने जानबूझकर चुनावी लाभ के लिए झूठा बयान दिया। जिससे मतदाताओं में उनकी छवि धूमिल हुई। इस परिवाद में बताया गया कि दिग्विजय सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान इंदु तिवारी पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज की कालाबाजारी का झूठा आरोप लगाया। इस कारण उनकी छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा। मई 2023 में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि विधायक इंदु तिवारी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन का 50-60 प्रतिशत हिस्सा बाजार में बेच देते हैं। यह बयान मीडिया में प्रसारित हुआ और दिग्विजय सिंह ने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी शेयर किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद वीडियो सोशल मीडिया पर फैलने से वे असहज हो गए और उनकी छवि को नुकसान पहुँचा। उनके रिश्तेदारों, समर्थकों और मतदाताओं ने इसका विरोध किया।
इसके बाद 16 मई 2023 को उन्होंने दिग्विजय सिंह को विधिक नोटिस भेजा। नोटिस में उनसे सार्वजनिक माफी मांगने और वीडियो हटाने की मांग की गई थी। लेकिन दिग्विजय सिंह ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही कोई सफाई दी। इंदु तिवारी की ओर से अधिवक्ता रोहित रघुवंशी ने दायर परिवाद में कहा कि दिग्विजय सिंह का कृत्य मानहानि और आपराधिक प्रवृत्ति के तहत दंडनीय है।
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट डी.पी. सूत्रकार की अदालत ने अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 को तय की है। कोर्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत धारा 223 बीएनएसएस का हवाला दिया। इस आदेश के अनुसार, दिग्विजय सिंह को नोटिस भेजा जाएगा। अब इस केस में अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 को होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक