भोपाल में बीजेपी कार्यालय में बनाई गई आपातकाल की प्रतीकात्मक जेल, संविधान और इंदिरा गांधी की तस्वीर के साथ किया अनोखा विरोध प्रदर्शन
भाेपाल, 25 जून (हि.स.)। आज, 25 जून को देश में आपातकाल की घोषणा को 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में आपातकाल लागू किया गया था। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी ने आज ओ दिन को संविधान हत्या दिवस के र
बीजेपी कार्यालय में बनाई गई आपातकाल की प्रतीकात्मक जेल


बीजेपी कार्यालय में बनाई गई आपातकाल की प्रतीकात्मक जेल


भाेपाल, 25 जून (हि.स.)। आज, 25 जून को देश में आपातकाल की घोषणा को 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में आपातकाल लागू किया गया था। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी ने आज ओ दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हुए प्रदेश कार्यालय में प्रतीकात्मक जेल बनाई। प्रदर्शनी में आपातकाल के दौरान प्रमुख नेताओं को हुए दुर्व्यवहार और जेल अनुभवों को पोस्टरों के माध्यम से दर्शाया गया।

बीजेपी कार्यालय में स्थापित प्रतीकात्मक जेल के सामने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की एक तस्वीर प्रदर्शित की गई है। इस चित्र में वे संविधान को अपने हाथों में पीछे की ओर छिपाती हुई दिखाई गई हैं। तस्वीर के पास एक संदेश भी लिखा गया है— “कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के काले अध्याय के 50 वर्ष पूरे।” प्रदर्शनी में आपातकाल के दौरान राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, जॉर्ज फर्नांडिस, लाल कृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ हुए दुर्व्यवहार और उनके जेल अनुभवों को दर्शाते हुए पोस्टर प्रदर्शित किए गए हैं। इन पोस्टरों के माध्यम से उस कालखंड में नेताओं को झेलनी पड़ी कठिनाइयों और दमनकारी परिस्थितियों की जानकारी दी गई है। इसके अलावा प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें आपातकाल के दौरान किए गए संविधान संशोधनों को समझाया गया है।

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने शेयर किया राजमाता के आपातकाल का वीडियो

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बुधवार काे एक वीडियो एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, मेरी पूज्य आजी अम्मा, श्रद्धेय राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी ने राजपथ को त्याग कर लोकपथ की राह चुनी थी। लोकतंत्र और जनसेवा के प्रति उनकी निष्ठा ने भारतीय राजनीति को नई दिशा दी। आपातकाल के दिनों में भी लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए उन्होंने संघर्ष किया। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उन्हें कई तरह की यातनाएं दी और अत्याचार किए। उनको जेल में भी डाला गया - लेकिन वे न झुकीं, न दबीं और न टूटीं। लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के सम्मान के लिए वह अडिग रहीं। उनके विराट व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचार हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे