Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
सूरजपुर, 25 जून (हि.स.)। छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग के निर्देशानुसार जिला प्रशासन सूरजपुर द्वारा जनपद पंचायत प्रतापपुर के मंगल भवन में आज बुधवार को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर संविधान हत्या दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते रहीं। इस अवसर पर उन्होंने जनप्रतिनिधियों के साथ आपातकाल के दौरान मीसा एक्ट के तहत जेल गए लोकतंत्र रक्षकों और स्वतंत्रता सेनानियों को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कई मीसा बंदियों और उनके परिजनों ने आपातकाल के दौरान की अपनी पीड़ा और संघर्ष साझा किया।
कार्यक्रम में आपातकाल के घटनाक्रमों पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिसे विधायक शकुंतला पोर्ते ने अवलोकित किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा, आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह दिवस हमें लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की महत्ता का स्मरण कराता है।
विधायक ने युवाओं से संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की मजबूती के लिए सदैव जागरूक रहने का आह्वान किया। कार्यक्रम में आपातकाल पर परिचर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें वक्ताओं ने तत्कालीन सरकार द्वारा लोकतंत्र की दमनकारी नीतियों की आलोचना की।
इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणी पैकरा, बाबूलाल अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी आपातकाल के भयावह दौर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन सरकार ने पद की लालसा और राजनीतिक लाभ के लिए संविधान की हत्या कर दी थी। इससे देश में भय का माहौल बना और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ।
इस अवसर पर अजय गोयल, रामकृपाल साहू, राजेश अग्रवाल, लाल संतोष सिंह, शशिकांत गर्ग, मुकेश तायल, सुखमनिया सिंह, मानती सिंह, संदीप अग्रवाल, राजेश्वर तिवारी, दीपक गुप्ता, संत सिंह, अक्षय तिवारी, अजितशरण सिंह, धरम सोनी, अवधेश पाण्डेय, लक्ष्मी गुप्ता सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित रहे।
जिले के विभिन्न स्थानों पर संबंधित विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें रेवती रमन कॉलेज सूरजपुर द्वारा भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय