रंगिया रेल मंडल सौ प्रतिशत विद्युतीकृत
-पूर्वोत्तर में हरित, कुशल रेल कनेक्टिविटी को बढ़ावा गुवाहाटी, 25 जून (हि.स.)। सौ प्रतिशत विद्युतीकरण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने मजबूत और ऊर्जा-कुशल रेल परिचालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रमाणित किया ह
रंगिया रेल मंडल सौ प्रतिशत विद्युतीकृत


-पूर्वोत्तर में हरित, कुशल रेल कनेक्टिविटी को बढ़ावा

गुवाहाटी, 25 जून (हि.स.)। सौ प्रतिशत विद्युतीकरण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने मजबूत और ऊर्जा-कुशल रेल परिचालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रमाणित किया है। चल रहे इस विकास कार्य की कड़ी में, पूसीरे के प्रधान मुख्य बिजली अभियंता (पीसीईई) संदीप कुमार ने हाल ही में रंगिया मंडल के अधीन गौरीपुर- अभयापुरी सेक्शन का वैधानिक निरीक्षण किया।

यह निरीक्षण 25 केवी एसी इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर वाणिज्यिक ट्रेन सेवाओं का परिचालन शुरू करने के लिए आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के लिए आवश्यक था, ताकि परिचालन तत्परता और संरक्षा सुनिश्चित हो सके। इस निरीक्षण में 84.577 रूट किलोमीटर और 110.41 ट्रैक किलोमीटर शामिल था।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने बुधवार को बताया है कि निरीक्षण के बाद 90 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम सेक्शनल स्पीड से एक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का ट्रायल रन किया गया, जो सफल रहा। इस परीक्षण से गौरीपुर-अभयापुरी सेक्शन की इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन के लिए परिचालन तत्परता ज्ञात की गई। इस ट्रायल रन ने न केवल बुनियादी संरचना को मान्य किया, बल्कि इलेक्ट्रिक ट्रेन परिचालन में निर्बाध बदलाव के लिए मंडल की तैयारियों की भी पुष्टि की।

सीपीआरओ ने बताया कि इस महत्वपूर्ण माइलस्टोन के सफल समापन के साथ, रंगिया मंडल पूसीरे ज़ोन के अधीन पूर्ण विद्युतीकृत रेलवे मंडलों की सूची में शामिल हो गया है। अलीपुरद्वार मंडल के बाद अब यह उपलब्धि हासिल करने वाला रंगिया दूसरा मंडल बन गया है। रंगिया मंडल को इस परिवर्तन से ट्रेन सेवाओं की गति और विश्वसनीयता में सुधार, लागत प्रभावी परिचालन सुनिश्चित करने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार रेल परिवहन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पूसीरे ने अपने क्षेत्राधिकार के विभिन्न सेक्शनों में लगभग 640 रूट किलोमीटर बिजलीकरण करने का लक्ष्य रखा है। पूरे मंडल के बिजलीकरण से ट्रेन परिचालन को बढ़ावा, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होने और पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यावरण के अधिक अनुकूल और तेज गति वाली रेल सेवाओं की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है। बिजलीकरण में यह रणनीतिक निवेश, नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन के भारतीय रेलवे के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और पूर्वोत्तर को मजबूत रेल परिवहन के हब के रूप में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।------------

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय