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मंडी, 25 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश डिपो संचालक समिति के अध्यक्ष अशोक कवि ने कहा है कि प्रदेश सरकार डिपो संचालकों को मात्र चार प्रतिशत कमीशन देकर चार गुणा काम करवा रही है जिससे डिपो संचालकों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंडी से जारी बयान में अशोक कवि ने कहा कि प्रदेश में 5200 डिपो धारक हैं जो निगम के गोदामों से राशन खरीदने के लिए अपना पैसा खर्च करते हैं। दुकान का किराया, विभिन्न प्रकार के लाइसेंस के नवीनीकरण की फ़ीस, बिजली बिल, स्टेशनरी का खर्च, डिपुओं पर लगाई गई पॉश मशीनों को चलाने के लिए इंटरनेट आदि का सारा खर्च खुद अदा कर रहे हैं। ऐसे में जो चार फ़ीसदी कमीशन मिल रही है वह राशन वितरण की व्यवस्था पर ही खर्च हो जाती है।
उन्हाेने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनावों के दौरान डिपो धारकों को 20 हज़ार मासिक वेतन देने का वादा किया था जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है। इसे लेकर प्रदेश के डिपो धारकों में दिन प्रतिदिन सरकार के प्रति रोष पनप रहा है। विभाग द्वारा दी गई पॉश मशीनों को चलाने के लिए हर महीने 470 रूपए का अतिरिक्त खर्च भी डिपो संचालकों को ही उठाना पड़ रहा है। सीएम ने इस पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया था लेकिन आज दिन तक सीएम के आश्वासन पर कोई जमीनी कार्य नहीं हुआ है। अब विभाग हमें अपने मोबाइल और अपने नेट के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन प्रणाली से राशन वितरित करने के आदेश ज़ारी करने की फ़िराक़ में है जो कि हमें कतई मंजूर नहीं है। इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इनकी मांगों पर जल्द ही गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो फिर डिपो धारक जुलाई महीने से राशन वितरण का कार्य बंद कर देंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा