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मंडी, 25 जून (हि.स.) । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा कि 25 जून 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोंप कर लोकतंत्र की हत्या की थी। मंडी में पत्रकारों से बता करते हुए रणधीर शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आज के दिन को देशभर में काला दिवस के नाम से मना रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी और इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनी थी। उस समय विपक्ष के उम्मीदवार रहे राज नारायण ने चुनाव के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि चुनाव में कांग्रेस की ओर से भाी गड़बड़ियां की गई है। जिसको लेकर 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया था। जिसमें उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित कर दियागया था और उनको चुनाव में भ्रष्टाचार करने के लिए छह साल तक किसी भी निर्वाचित पद पर रहने पर वैन कर दिया था। इलहाबाद हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद पूरे देश में इंदिरा गांधी के त्यागपत्र की मांग को लेकर आंदोलन को शुरू हुए, उससे पहले ही बिहार और गुजरात में जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में आंदोलन चल ही रहा था। हाई कोर्ट के निर्णय के बाद चाहिए तो ये था कि इंदिरा गांधी हाईकोर्ट के निर्णय का सम्मान करती और लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का मान रखते हुए अपने पद से त्यागपत्र देने के बजाय उन्होंने 25 जून 1975 की रात्रि को देश में इमरजेंसी लगाने की घोषणा कर दी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के भी सैकड़ो लोग उस समय जेलों में बंद रहे। जिनमें भारतीय जनता पार्टी के नेता शांता कुमार, स्वर्गीय दौलत राम चौहान, शिमला से विधायक मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज, सोलन से प्रवीण शर्मा, मंडी से भी जहां तक मुझे याद है हमारे हेमंतराज वैद्य समेत ऐसे कई नेता, कार्यकर्ताओं को जेलों में बंद कर दिया।
रणधीर शर्मा ने कहा कि राजनीतिक रूप से जो लोग बंदी होते हैं उनको बीच में घर जाने दिया जाता है। परंतु आपातकाल के दौरान हमारे नेताओं को घर जाने नहीं दिया गया। वर्तमान में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उसे दौरान नजरबंद रहे, उनकी माताजी का निधन हुआ मगर उन्हें उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि देश की जनता ने आपातकाल को 1977 में हुए आम चुनाव में नकार दिया और कांग्रेस पार्टी बुरी तरह से हार गई। जनता पार्टी की सरकार देश में बन गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहे जय राम ठाकुर ने अपनी सरकार के दौरान 2021 में निर्णय लिया कि जो लोग आपातकाल के दौरान जेल में रहे, हिमाचल प्रदेश केउन सभी लोगों के लिए लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना शुरू की थी और एक सम्मानजनक राशि सम्मान के रूप में दी जाने लगी। जिसे 2022 के अंत में कांग्रेस की सरकार ने 2023 में उस निर्णय को वापस लेने की घोषणा की। वर्ष 2024 में हिमाचल हाईकोर्ट से इसके पक्ष में पैसला जिन्होंने लोकतंत्र के लिए लड़ाई है उनका सम्मान हो सके।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के डीएनए में ही तानाशाही है, वर्तमान प्रदेश सरकार भी तानाशाहीपूर्ण फैसले ले रही है। भाजपा के पंद्रह विधायक जो सदन से बाहर अपनी बात रख रहे थे को निलंबित कर दिया। हाल ही में पौंटा साहिब में प्रदर्शन कर रहे पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डा. राजीव बिंदल और पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी पर मामला दर्ज किया और जिन लोगों को पत्थर लगे उनके खिलाफ भी मामले दर्ज हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा