इतिहास में आत्मकथाओं को प्राथमिक शोध की मान्यता : डॉ. संजय चौधरी
अयोध्या, 25 जून (हि.स.)।डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय चौधरी को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद भारत सरकार द्वारा शोध परियोजना दलित साहित्य का अध्ययन एवं उसके ऐतिहासिक विश्लेषण पर कार्य कर
डॉ. संजय चौधरी


अयोध्या, 25 जून (हि.स.)।डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय चौधरी को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद भारत सरकार द्वारा शोध परियोजना दलित साहित्य का अध्ययन एवं उसके ऐतिहासिक विश्लेषण पर कार्य करने के लिए वर्ष 2021 में चुना गया था। डॉ. चौधरी द्वारा इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूर्ण कर परिषद को सौंप दिया गया। डॉ. संजय चौधरी ने बताया कि दलित साहित्य के विश्लेषण के लिए उत्तर भारत बेल्ट के हिंदी दलित लेखकों के दृष्टिकोण का पता लगाने के लिए यह शोध कार्य किया गया था। इस शोध परियोजना में दलित लेखकों की सोच और उनकी रचनाओं, उनके द्वारा लिखी गई आत्मकथाओं पर आधारित रहा। उन्होंने कहा कि इतिहास में आत्मकथाओं को प्राथमिक शोध के तहत मान्यता होती है। सामाजिक जीवन की घटनाओं एवं दलित लेखकों से जुड़े विचारों पर शोध होने से इतिहास को समृद्ध करने में सहायता मिलती है। इस परियोजना के सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर उन्हें इतिहास अनुसंधान परिषद ने बधाई दिया है। इस उपलब्धि पर डॉ. चौधरी को विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने बधाई दी है।

हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय