Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नाहन, 24 जून (हि.स.)। हिमाचल की बेटियों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अगर हौसले बुलंद हों, तो दुनिया की कोई भी चोटी बड़ी नहीं होती। पांवटा साहिब की बेटी कृतिका शर्मा ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8,848.86 मीटर) फतह कर भारत और हिमाचल प्रदेश का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया।
एवरेस्ट चढ़ाई से लौटने के बाद जब कृतिका पांवटा साहिब पहुंचीं, तो उनका ऐतिहासिक स्वागत किया गया। शहर के वाई पॉइंट से एनसीसी की छात्राओं ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” के नारे लगाते हुए रैली निकाली, जिसमें लोगों का उत्साह देखते ही बनता था।
कृतिका पहले ही राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी रह चुकी हैं और राष्ट्रीय खेलों में गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी हैं। अब पर्वतारोहण जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में उन्होंने न केवल कदम रखा, बल्कि माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराकर देश की बेटियों के लिए नई राहें खोल दी हैं।
कृतिका ने बताया कि एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान उन्हें ऑक्सीजन की कमी, -40 डिग्री की सर्दी और तूफानी हवाओं जैसी कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने कहा, अगर जज़्बा मजबूत हो, तो रास्ते खुद बनते जाते हैं।
उनके पिता ने भावुक होते हुए कहा, पहले डर लगता था कि बेटी इतनी दूर, ऐसे खतरनाक मिशन पर जा रही है... लेकिन आज गर्व है कि मेरी बेटी ने वो कर दिखाया जो करोड़ों का सपना होता है।
कृतिका ने आगे कहा कि वह भविष्य में भी पर्वतारोहण के क्षेत्र में आगे बढ़कर देश की सेवा करना चाहती हैं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर