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बलरामपुर, 24 जून (हि.स.)। विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रधान जिला न्यायाधीश हेमन्त सराफ की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत ताम्बेश्वरनगर एवं पुरूषोत्तमपुर में आज मंगलवार को विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामानुजगंज श्रीकांत श्रीवास, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लोकेश कुमार, व्यवहार न्यायाधीश रामानुजगंज क्षितिज नवरंग, थाना प्रभारी रामानुजगंज एवं ग्राम पंचायत ताम्बेश्वर नगर एवं पुरुषोत्तमपुर के सरपंच सहित ग्रामवासी उपस्थित थे।
विधिक साक्षरता शिविर में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष हेमन्त सराफ द्वारा उपस्थित समस्त ग्रामवासियों को संबोधित करते हुये कहा कि मुश्किलें आपके जीवन में आपके अंदर की हुनर को निखारने के लिए आती है, इसलिए आपको मुश्किलों से कभी भी घबराना नही चाहिए। उन्होंने कहा व्यवहार में बच्चा होना, काम में जवान होना और अनुभव में वृद्ध होना किसी भी व्यक्ति को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा देता है। कानून एक समंदर है, सभी कानूनों को विस्तारपूर्वक जानना संभव नहीं है, किंतु कुछ मूलभूत कानूनों के बारे में आवश्यक रुप से अवगत होना चाहिए, इससे आप के साथ-साथ समाज में भी जागरुकता आती है। हम कानून के मूलभूत जानकारी के आधार पर अपराध करने से बच सकते हैं। यह कानून हमारे लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है, बड़े अपराध व बड़े मुकदमे से बचा सकती है। समाज में जागरुकता का अभाव, अपने अधिकारों की जानकारी न होना, यही शोषण का सबसे बड़ा कारण है। उन्होनें अपराध को स्पष्ट करते हुए कहा कि पुराणों में जिन कार्यों को पाप बताया गया है, वही अपराध है। इसलिए यदि हम अपराध की श्रेणियों को नहीं भी जानते हैं, फिर भी हम अपने पुराणों के आधार पर अपराध से बच सकते हैं।
द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीकांत श्रीवास ने उपस्थित समस्त ग्रामवासियों को टोनही प्रताड़ना अधिनियम, नवीन मोटरयान अधिनियम, माता-पिता के बच्चो से भरण पोषण संबंधी कानून, आबकारी अधिनियम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लोकेश कुमार ने विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना, उद्देश्य एवं कार्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि समान अवसर के आधार पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 पारित किया गया। जिसके द्वारा केंद्र में राष्ट्रीय विधिक सेवा समिति, राज्य में राज्य विधिक सेवा समिति एवं जिलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्राधिकरण का कार्य नालसा की नीतियों और निर्देशों को कार्य रुप देना और लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना है। जिन लोगों के पास न्यायालय जाकर अपनी कानूनी समस्या को रखने के लिए धन नहीं है, उन्हें बिना पैसा लिये कानूनी सहायता प्रदान करता है। पात्रतानुसार व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सहायता व निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान कराना ताकि जनसामान्य को सुलभ व त्वरित न्याय मिल सके। साथ ही उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों एवं कमजोर वर्गों को उनके अधिकारों के साथ ही लोक अदालत के माध्यम से विवादों को सुलझाने के लिए प्रोत्साहित करना, ग्रामीण क्षेत्रों एवं शिक्षण संस्थानों में कानूनी साक्षरता और जागरूकता के लिए विधिक जागरूकता शिविर लगाना, लोगों को उनके विधिक अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने हेतु विधिक ज्ञान का व्यापक प्रचार-प्रसार करने, निवारक व अनुकूल विधिक साक्षरता कार्यक्रमों का संचालन करना, सरल एवं सजग भाषा में लिपिबद्ध विधि संबंधी पुस्तकों, पम्पलेट्स आदि का निःशुल्क वितरण करना ताकि लोग अपने दैनिक अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति अधिक सजग हो सकें।
व्यवहार न्यायालय रामानुजगंज के न्यायाधीश क्षितिज नवरंग ने सिविल एवं क्रिमिनल प्रकरणों के बारे में बताते हुए मध्यस्था के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण के फायदे व दैनिक उपयोगी कानून की जानकारी दी।
हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय