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मंडी, 24 जून (हि.स.)। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण निर्णय में हुए न्यायालय ने कांशी राम, निवासी गांव सारणी, डाकघर बल्ह, जिला मंडी, हिमाचल प्रदेश को दोषी करार देते 12 वर्ष के कठोर कारावास और 1,20,000 रूपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने की स्थिति में आरोपी को एक वर्ष का साधारण कारावास भुगतना होगा।
घटना की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने बताया कि दिनांक 22.09.2017 को पुलिस टीम जिसमें मुख्य आरक्षी चमन लाल के नेतृत्व में एचसी रूप लाल, एचएचसी हुकम चंद, एचएचसी सुरेंद्र, कांस्टेबल करम सिंह और कांस्टेबल महेंद्र सिंह शामिल थे, ने सरकारी वाहन नंबर HP 34-A-8047 में गश्त और नाकाबंदी हेतु प्रस्थान किया। वाहन का संचालन कांस्टेबल रवि कुमार द्वारा किया जा रहा था। लगभग शाम 5:40 बजे टीम द्वारा डायना पार्क के पास नाका लगाया गया। इस दौरान एक टाटा सुमो को जांच के लिए रोका गया। वाहन में चालक रवि कांत, अगली सीट पर अजय कुमार और पीछे की सीट पर जगदेव तथा कांशी राम सवार थे। पीछे बैठे यात्रियों की गोद में रक्सैक बैग थे। संदेह होने पर की गई तलाशी में आरोपी कांशी राम के बैग से एक सफेद थैली में तीन पॉलीथीन पैकेट बरामद हुए। इन पैकेटों में काली रंग की स्टिक जैसी वस्तु पाई गई, जो पुलिस अनुभव के अनुसार चरस पाई गई। बरामद चरस का कुल वजन 3.012 किलोग्राम था।
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने 13 गवाहों के कलमबंद करवाए थे। विस्तृत सुनवाई एवं गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायालय ने कांशी राम को एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20 के अंतर्गत दोषी पाते हुए 12 वर्ष का कठोर कारावास 1,20,000 एक लाख बीस हजार रुपए का जुर्माना जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष का साधारण कारावास की सजा सुनाई।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा