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धर्मशाला, 24 जून (हि.स.)। भारतीय मजदूर संघ के साथ हिमाचल प्रदेश आशा कार्यकर्ता संघ कांगड़ा की आशा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस दौरान ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग रखी कि जिला में कार्य कर रही सभी आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। साथ ही जब तक सरकारी नहीं किया जाता है तब तक आशा कार्यकर्ताओं का न्यूनतम मानदेय 18,000 किया जाए।
इसके साथ ही अनुभवी आशा कार्यकर्ताओं को टीकाकरण के प्रशिक्षण की व्यवस्था, चिकित्सालयों में विश्राम स्थल की व्यवस्था, यात्रा भत्ता, कार्य के लिए समय सीमा निर्धारित, बैग आपातकालीन के लिए दवाइयां सहित अन्य मांगे उपायुक्त के समक्ष रखी। आशा कार्यकर्ता संघ की सचिव कल्पना रंधावा ने कहा कि जिला में दो हज़ार और प्रदेश में आठ हज़ार आशा वर्कर कार्य कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आशा कार्यकर्ताओं ने प्रथम श्रेणी में शामिल होकर कार्य किया था और अब आशा वर्करों को दर किनार किया जा रहा है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो जिलाभर की कार्यकर्ताएं रैली निकालेंगी और जरूरत पड़ी तो शिमला भी जाएंगी।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया