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मुंबई, 24जून ( हि.स.) । सरकारी महकमा मतलब एक नीरसता एक वीरानगी जिसमे उदासी झंडे बरस रही हो।सरकारी दफ्तर जिसमे सिर्फ मुस्तैदी के साथ चेहरे पर तनाव लिए हुए बिना किसी मुस्कराहट के साथ आप सिर्फ ड्यूटी बजाते हैं ।और हर वक्त दीवार पर टंगी पुरानी सी घंटा बजाने वाली घड़ी पर नजर टिकी रहती है । कि कब कम खत्म हो और घर रवाना हो सके।कार्यालय का मतलब है धूल भरी फाइलें, बेजान दीवारें और घुटन भरा माहौल... लेकिन ठाणे के जिला सूचना अधिकारी कार्यालय के एक जन संपर्क अधिकारी ने सोच बनाई थी कि इस छत को खूबसूरत फूलों से सजाकर परंपरागत छवियों को बदलना है और कोशिश कामयाब भी हो गई है। कार्यालय की छत पर एक सुंदर, जीवंत और अभिनव पर्यावरण-अनुकूल उद्यान बनाया गया है।
ठाणे जिला सूचना कार्यालय में एक अनोखे उद्यान की हर जगह चर्चा हो रही है। यह सिर्फ एक उद्यान नहीं है, बल्कि जागरूकता का एक आदर्श उदाहरण है जो लकड़ी और प्लास्टिक को संसाधनों में बदल देता है। वस्तुओं को रिसाइकिल करके छत पर एक हरा-भरा और प्रेरणादायक उद्यान बनाया गया है। इस उद्यान में ट्रेसिना, एलीफेंट ईयर, स्नेक प्लांट, हेनेकेनी, जसवंद, लेमन ग्रास और 45 प्रकार के विभिन्न पेड़ यहां देखने को मिलेंगे।
ठाणे जिला सूचना प्रसारण अधिकारी मनोज सानप का कहना है कि यह कल्पना विजय कुमार कुट्टी की है ।वहीं हमारे पास यह प्रस्ताव लेकर आए थेऔर फिर कल्पना को मानो पंख लग गए। इस प्रकार हम सब के प्रयास से इस बेजान नीरस छत पर हरियाली खिलेगी।इस योजना के बारे में जब विजयकुमार कट्टी से जानना चाहा तो उन्होंने इस पहल के पीछे की बारीकियों को बताते हुए कहा, “मैं इस उद्यान के माध्यम से दिखा रहा हूं कि हर वस्तु को फेंकने के बजाय, हम उसे दूसरा जीवन दे सकते हैं। यहां, हर पौधा एक शिक्षक है - यह हमें धैर्य, जिम्मेदारी और प्रकृति के साथ संवाद करना सिखाता है।” उद्यान की विशेषताएं 1) छत पर पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन 2) लकड़ी, प्लास्टिक और कपड़ों का उपयोग करके कार्यालय क्षेत्र में गर्मी को कम करने वाले पेड़ों का डिजाइन 3) प्राकृतिक मच्छर भगाने वाले पौधों को शामिल करना उद्यान का उद्देश्य हरियाली पैदा करना नहीं है, बल्कि कचरे के प्रति लोगों के दृष्टिकोण को बदलना, जागरूकता पैदा करना और समाज में सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन करना है। वे सरकारी विभागों, डिश, डीआईसी, शैक्षणिक संस्थानों, बैंकरों, वकीलों, गृहिणियों और उद्यमियों के लिए इंटरैक्टिव सेमिनार आयोजित करने की अपील कर रहे हैं। “यह उद्यान केवल एक पहल नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बनकर रह जाना चाहिए, जिसके लिए सरकार, समाज और हर नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
इस योजना पर ठाणे जिला सूचना प्रसारण अधिकारी मनोज सानप ने बताया कि इस रूफटॉप गार्डन मॉडल को स्कूलों, कॉलेजों, ग्रामीण क्षेत्रों, हाउसिंग सोसाइटियों और सरकारी इमारतों में आसानी से लागू किया जा सकता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए यह क्रिया-आधारित दृष्टिकोण 'सोच से कार्रवाई' की ओर ले जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा